भूमि आवंटन पर जल समाधि चेतावनी पर पुनर्वास विभाग का बयान: याचिका है विचाराधीन
टिहरी गढ़वाल 20 अक्टूबर, 2024। एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर “बांध प्रभावित गावों के लोगों ने दी 22 को झील में जल समाधि की चेतावनी।” के संबंध में अधिशासी अभियंता अवस्थापना (पुनर्वास) खंड नई टिहरी ने अवगत कराया है कि डोभन, सरोठ आदि ग्रामों के प्रभावितों द्वारा अपनी प्रभावित भूमि के बदले प्राप्त न्यूनतम प्रतिकर को 30 प्रतिशत ब्याज सहित वापस कर कृषि भूखण्ड आवंटन की मांग लगातार की जा रही है। ग्राम डोभन, सरोठ के ग्रामीणों द्वारा पुनर्वास नीति के प्राविधानों के अनुरुप भूमि के स्थान पर न्यूनतम प्रतिकर का विकल्प लेते हुए तत्समय भूमि के स्थान पर न्यूनतम प्रतिकर रुपए 2.00 लाख प्राप्त कर लिया गया है।
कुछ वर्ष पश्चात ग्रामीणों द्वारा शिकायत निवारण प्रकोष्ठ, टिहरी बाँध परियोजना के समक्ष प्राप्त न्यूनतम प्रतिकर को ब्याज सहित वापस विभाग में जमा कर कृषि भूखण्ड आवंटन किये जाने की मांग की गयी। शिकायत निवारण प्रकोष्ठ, टिहरी बाँध परियोजना द्वारा ग्रामीणों की मांग को स्वीकार करते हुए विभाग/टीएचडीसी को आदेश दिये गये कि ग्रामीणों द्वारा प्राप्त न्यूनतम प्रतिकर को ब्याज सहित जमा करवाकर ग्रामीणों को कृषि भूखण्ड आवंटित किए जाएं।
शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के आदेश के विरुद्ध टीएचडीसीइलि. द्वारा मा. उच्च न्यायालय, नैनीताल, उत्तराखण्ड में याचिका दायर की गयी, जिसमें मा. उच्च न्यायालय द्वारा शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के आदेश के क्रियान्वयन को स्टे कर दिया गया है। याचिका वर्तमान में मा. उच्च न्यायालय, नैनीताल में विचाराधीन है।