डायट टिहरी में एनसीईआरटी की क्षमता संवर्धन कार्यशाला का सफल समापन
टिहरी गढ़वाल, 26 अक्टूबर 2024। एनसीईआरटी, नई दिल्ली द्वारा डायट टिहरी में आयोजित दो दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ।
इस अवसर पर श्री संजय कुमार, सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि एनसीईआरटी, एससीईआरटी और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) को सशक्त बनाते हुए इन्हें एजुकेशन हब के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा जगत से जुड़े सभी लोगों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का गहन अध्ययन कर, उसकी सिफारिशों को धरातल पर उतारने के लिए प्रयास करने चाहिए।
महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड, झरना कमठान ने राज्य में चल रही शैक्षिक योजनाओं की प्रगति पर प्रकाश डाला। वहीं, एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. डी.पी. सकलानी ने कार्यशाला के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं जनपदों में आयोजित की जा रही हैं ताकि इनके उद्देश्यों को विद्यालयों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने डायट संस्थानों से आग्रह किया कि वे कार्यशाला के उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से विद्यालय स्तर पर लागू करें।
कार्यशाला के समापन अवसर पर संस्थान की प्राचार्य श्रीमती हेमलता भट्ट ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि संस्थान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप नवाचारों को बढ़ावा दे रहा है। इस दौरान अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक, श्री अजय नौडियाल और एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम मूल्यांकन विभाग की प्रमुख, प्रो. रंजना अरोड़ा ने भी अपने विचार रखे।
इस कार्यशाला में उत्तराखंड के सभी जिलों से डायट प्राचार्य और पांच संकाय सदस्य शामिल हुए। एनसीईआरटी से प्रो. अनुप राजपूत, प्रो. सुनीति सनवाल, प्रो. संध्या सिंह, प्रो. कीर्ति कपूर, प्रो. विजयन और प्रो. अतुल दुबे ने विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान के शिक्षण शास्त्र पर अपने व्याख्यान दिए।
कार्यक्रम में प्राचार्य राम सिंह चौहान (डायट देहरादून), स्वराज सिंह तोमर (डायट पौड़ी), संजीव जोशी (डायट उत्तरकाशी), आकाश सारस्वत (डायट चमोली), सी.पी. रतूड़ी (डायट रुद्रप्रयाग), डा. राजेंद्र सिंह (डायट उधम सिंह नगर) सहित कई गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यशाला में डा. वीर सिंह रावत, डा. मनवीर नेगी, विनोद पेटवाल, जितेंद्र सिंह राणा, राजेंद्र प्रसाद बडोनी, सीमा शर्मा, डा. सुमन नेगी और निर्मला सिंह सहित अन्य शिक्षाविदों ने भी सहभागिता की।
इस कार्यशाला का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों को बेहतर शिक्षा और नवीन शैक्षिक दृष्टिकोण प्रदान करना है, जो राज्य के समग्र शैक्षिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।