श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश में राज्य स्थापना दिवस पर चलाया स्वच्छता अभियान
ऋषिकेश 9 नवंबर 2024। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर एक विशेष स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। यह अभियान राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई और नमामि गंगे प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में संचालित हुआ, जिसमें स्वयंसेवियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
स्वयंसेवियों ने विज्ञान संकाय, प्रशासनिक भवन, मुख्य गेट, खेल प्रांगण, वाणिज्य और कला संकायों के परिसर में श्रमदान कर सफाई की। इस दौरान झाड़ियों की कटाई, पॉलिथीन, प्लास्टिक की बोतलें, गिलास और अन्य कूड़ा-करकट एकत्रित किया गया। इसके साथ ही लाइब्रेरी और कंप्यूटर कक्ष की भी सफाई की गई।
परिसर निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत ने राज्य स्थापना दिवस पर उपस्थित स्वयंसेवियों को संबोधित करते हुए कहा, “आज हम उत्तराखंड राज्य की 24वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह राज्य हमें लंबे संघर्ष और बलिदानों के बाद प्राप्त हुआ है। 25वें साल में प्रवेश करते हुए उत्तराखंड ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, और अब यह विकास की राह पर अग्रसर है। हमें गर्व है कि हम इस यात्रा में शामिल हैं।”
वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अशोक कुमार मैन्दोला ने भी स्वयंसेवियों को प्रेरित करते हुए कहा, “इस 25वें वर्ष को विकास की नई उड़ान के रूप में मनाएं। हमें राज्य के हर नागरिक को इस यात्रा में सहभागी बनाना है ताकि उत्तराखंड ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’ बनने के लक्ष्य को पूरा कर सके। साथ ही ‘स्वर्णिम उत्तराखंड’ बनाने का संकल्प लें और स्वच्छता को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं।”
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पारुल मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि “उत्तराखंड के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य के समग्र विकास के लिए महिलाओं का सशक्तीकरण आवश्यक है।”
प्रो. संगीता मिश्रा ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए कहा, “हिमालय का यह अंश विश्व की अमूल्य धरोहर है, और इसे संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है। जलवायु परिवर्तन के खतरे को देखते हुए हमें वनों की रक्षा, जल-संरक्षण योजनाओं का क्रियान्वयन और पर्यावरणीय संतुलन के साथ पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए।”
इस स्वच्छता अभियान में डीएसडब्ल्यू प्रो. पी.के. सिंह समेत राष्ट्रीय सेवा योजना के कई स्वयंसेवी उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने विश्वविद्यालय परिसर के साथ-साथ समाज में भी स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश फैलाया।