कुट्ठा गाँव के ग्रामीणों ने लिया गैर-उत्तराखंडियों को जमीन न बेचने का संकल्प
टिहरी गढ़वाल। “मूल निवास एवं भू कानून जनांदोलन, टिहरी” द्वारा कुट्ठा गाँव में भूमि बिक्री के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए एक जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान में कुट्ठा गाँव के ग्रामीणों ने भूमि संरक्षण की दिशा में एकजुट होकर शपथ ली कि वे आगे से गैर-उत्तराखंडियों को जमीन नहीं बेचेंगे। इसके साथ ही, गाँव के बाहर एक सूचना बोर्ड लगाने का निर्णय लिया गया, ताकि इस निर्णय को सार्वजनिक किया जा सके।
समिति के संयोजक देवेंद्र नौडियाल ने कहा कि बाहरी लोगों द्वारा जमीनों की खरीद से स्थानीय संस्कृति और सुरक्षा पर संकट बढ़ सकता है, जैसे अंकिता भंडारी जैसी घटनाओं की संभावना उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि बाहर के लोगों के आने से पारंपरिक आयोजनों की जगह बाहरी संस्कृतियों का दबाव बन सकता है।
समिति के संरक्षक महिपाल नेगी ने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपनी भूमि बेचने के बजाय उसे लीज़ पर दें या पार्टनरशिप के रूप में इस्तेमाल करें, जिससे भूमि स्वामित्व सुरक्षित रहे। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ग्रामवासी स्वयं सहकारी समूह बनाकर सौर ऊर्जा और होम स्टे जैसी आजीविका विकल्पों को अपनाएं, ताकि पलायन पर काबू पाया जा सके।
समिति के सह-संयोजक अमित पंत ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाया, विशेषकर 2022 में कृषि भूमि हस्तांतरण को लेकर सरकार के निर्णय पर, और समान नागरिक संहिता से जुड़े प्रावधानों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने यह भी पूछा कि कैसे सरकार सशक्त भू कानून की बात कर रही है, जबकि वह अन्य महत्वपूर्ण कानूनों को खत्म कर रही है।
बैठक में ग्रामवासी जैसे महिपाल नेगी, देवेंद्र नौडियाल, अमित पंत, राहुल बुटोला, पर्वत कुमाईं, प्रधान शांति रावत, भारत सिंह, प्रेम सिंह, शिवेंद्र रावत और अन्य उपस्थित थे।