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ऋषिकेश परिसर में स्वच्छ एवं प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए कार्यशाला का आयोजन

ऋषिकेश परिसर में स्वच्छ एवं प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए कार्यशाला का आयोजन
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ऋषिकेश 18 मार्च। श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई और भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के राष्ट्रीय सेवा योजना क्षेत्रीय निदेशालय (उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड, लखनऊ) के संयुक्त तत्वावधान में स्वच्छ भारत 4.0 के अंतर्गत “स्वच्छ एवं प्लास्टिक मुक्त भारत” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

यह आयोजन स्वच्छता एक्शन प्लान के तहत पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हुआ।कार्यक्रम की अध्यक्षता परिसर निदेशक प्रोफेसर महावीर सिंह रावत ने की। अपने उद्बोधन में उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीरता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “प्लास्टिक बैग, बोतलें, इलेक्ट्रॉनिक सामान और खिलौने, खासकर शहरी क्षेत्रों में, नहरों, नदियों और झीलों के जल निकासी को अवरुद्ध कर रहे हैं। हर साल दुनिया भर में 100 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें से 25 मिलियन टन नष्ट न होने योग्य है, जो पर्यावरण और मानव जीवन के लिए खतरा बन रहा है।

“मुख्य वक्ता और नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर डॉ. विनोद जुगलान ने कहा, “भारत में एकल-उपयोग प्लास्टिक को कम करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य और खुशहाली की नींव है। यह हमें बीमारियों से बचाती है और सुखद वातावरण बनाती है। “वनस्पति विज्ञान की प्राध्यापक डॉ. प्रीति खंडूरी ने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्वच्छता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं से परिसर, घर और सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ एवं प्लास्टिक मुक्त रखने का आह्वान किया।

वहीं, नमामि गंगे के नोडल अधिकारी और कार्यक्रम संयोजक डॉ. अशोक कुमार मैन्दोला ने प्लास्टिक के दुष्प्रभावों पर चेताया। उन्होंने कहा, “पॉलीथिन और प्लास्टिक नालियों को अवरुद्ध करते हैं और जल निकासी को प्रभावित करते हैं। प्लास्टिक गिलासों में गर्म पेय पीने से केमिकल शरीर में प्रवेश कर डायरिया जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं।”एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी सीमा बेनीवाल ने कहा, “स्वच्छता कार्य योजना महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” कार्यक्रम में एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ. गौरव वासने, डॉ. पारूल मिश्रा और प्रोफेसर पुष्पांजलि आर्या ने भी अपने विचार साझा किए।कार्यशाला में सभी अतिथियों का एनएसएस बैज अलंकरण के साथ स्वागत किया गया।

इस अवसर पर महक, पायल जोशी, यश गर्ग, मृत्युंजय गुप्ता, प्रिंस, राहुल, रविना, मानसी रिंगोला, मोनिका, पांडेयरविना, सरिता, अनामिका, साक्षी नैथानी, पीयूष गुप्ता, रोहित सिंह, सुजाल, संजना पाल, सुषमा सहित कई छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। यह कार्यशाला स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने में एक सार्थक प्रयास साबित हुई।


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Govind Pundir

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