भगवान श्रीकृष्ण जैसा विराट व्यक्तित्व कोई अन्य नहीं– स्वामी रसिक महाराज

रानीपोखरी (ऋषिकेश) । ग्राम डांडी बड़कोट में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। पूरा पांडाल राधा कृष्ण की भक्ति में रंग गया।
इस अवसर पर कथा वाचक बद्रीनाथ धाम के प्रमुख संत नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण जैसा व्यक्तित्व युगों-युगों में एक बार प्रकट हो पाता है। इस माँ भारती की कोख से यूँ तो अनेक महापुरुषों का अवतरण हुआ लेकिन भगवान श्रीकृष्ण जैसा विराट व्यक्तित्व कोई अन्य नहीं हुआ है। बंधन में पैदा हुए पर बंधनों को स्वीकार नहीं किया और मुक्त होकर जिये। जीवन जैसा था वैसा ही स्वीकार किया, किसी के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं और कोई अस्वीकारोक्ति भी नहीं। जैसी भी परिस्थिति हो, मुस्कुराने और पूरे मनोयोग से उसका सामना करने की सीख श्रीकृष्ण के जीवन ने हम सबको प्रदान की।
लीला पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण जैसा प्रज्ञा पुरुष, ज्ञानवान, गायक, संगीतज्ञ, योद्धा, योगी, राजा, मित्र, प्रेमी, पुत्र कोई दूसरा नहीं हो पाया। जब तक गोकुल-वृंदावन में रहे, ग्वाल बाल बनकर रहे, आनंद व प्रसन्नता के साथ जिये और जब द्वारिकाधीश बनकर द्वारिका की सत्ता पर विराजमान हुए तो उसी आनंद-प्रसन्नता और सहजता के साथ जिये। विषाद से प्रसाद तक की यात्रा का संदेश भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हम सबको प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि सनातनी संस्कृति, सभ्यता समावेशी है, सकारात्मक है, किसी के विरुद्ध नहीं जबकि सभी संकीर्ण पंथ नकारात्मक होते हैं। सनातनी होना सौभाग्य है। आज कथा में हरिद्वार से श्रीकृष्ण भक्ति आश्रम के पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी गिरधर गिरि महाराज ने विशेषरूप से पंहुचकर व्यासपीठ पर विराजमान नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज का आशीर्वाद लिया।
इससे पहले कथा आयोजन समिति के अध्यक्ष श्रीमती भगवती रावत, साध्वी माँ देवेश्वरी, प्रभात पंवार, राजवीर रावत, वीर सिंह रावत , ऋषिराम सिलस्वाल, संदीप जुगरान ने माला पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर मुख्य अतिथियों का स्वागत किया।



