जनपद टिहरी में भूकंप आपदा पर मॉक ड्रिल, जिला प्रशासन की तत्परता रही सराहनीय

टिहरी गढ़वाल। शनिवार को उत्तराखंड के सभी जनपदों में राज्य आपदा कंट्रोल रूम के दिशा-निर्देश अनुसार विभिन्न स्थानों पर मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस दौरान जनपद टिहरी में भी आपदा की विभिन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल के दिशा निर्देशों में राहत एवं बचाव दलों ने त्वरित रैस्क्यू संचालन का अभ्यास किया।
जनपद टिहरी गढ़वाल में शनिवार को भूकंप की संभावित स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, नगर निकायों और अन्य एजेंसियों की सहभागिता से एक व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की गई।भूकंप का काल्पनिक परिदृश्य तैयार कर जिले के छह प्रमुख स्थलों को प्रभावित बताया गया। इनमें घनसाली स्थित बहुमंजिला आवासीय भवन, जिला अस्पताल बौराड़ी, प्रताप इंटर कॉलेज बौराड़ी, जिला पंचायत सभागार नई टिहरी, कोटी कॉलोनी में टिहरी बांध क्षेत्र तथा कीर्तिनगर का पुल शामिल रहे।
ड्रिल के दौरान निर्धारित समय पर नियंत्रण कक्ष से आपदा की सूचना जारी होते ही राहत एवं बचाव दल घटनास्थलों पर पहुँचे। घनसाली में क्षतिग्रस्त भवन से दो गंभीर व पाँच हल्के घायलों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। प्रताप इंटर कॉलेज में भवन क्षति के चलते फंसे चार बच्चों को दरवाजे काटकर बाहर निकाला गया और जिला अस्पताल बौराड़ी उपचार हेतु भेजा गया। वहीं जिला पंचायत सभागार की दीवार क्षतिग्रस्त होने से दो लोग घायल हुए।टिहरी बांध से नियंत्रित रूप से 3000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की काल्पनिक सूचना पर देवप्रयाग, मुनिकीरेती और कीर्तिनगर में पुलिस व राजस्व टीमों ने नदी किनारे रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की चेतावनी दी। कीर्तिनगर में एक व्यक्ति (प्रेम सिंह, आयु 35 वर्ष) को हल्की चोट आने पर सीएचसी ले जाया गया।
मॉकड्रिल के दौरान जिलाधिकारी निकिता खंडेलवाल ने वीसी रूम से सभी घटना स्थलों की स्थिति पर नजर रखी और विभिन्न रेस्क्यू एवं रिलीफ टीमों से वास्तविक समय पर फीडबैक लिया। प्लानिंग, लॉजिस्टिक और ऑपरेशन सेक्शन की टीमें भी सक्रिय रहीं।
बौराड़ी जिला अस्पताल में भूकंप के झटकों से इमरजेंसी वार्ड और लैब में काल्पनिक क्षति का परिदृश्य बनाकर 45 लोगों को फंसा दिखाया गया। रेस्क्यू टीमों ने त्वरित कार्रवाई कर सभी को सुरक्षित निकाला। इसमें 32 लोगों को सामान्य चोटें आईं, जबकि 10 घायलों और 2 गंभीर घायलों का उपचार किया गया। एक गंभीर स्थिति वाले मरीज को एम्स ऋषिकेश के लिए एयरलिफ्ट करने का अभ्यास भी शामिल रहा।ड्रिल के दौरान राहत दलों ने भोजन और प्राथमिक उपचार सामग्री का वितरण किया। वहीं, मेडिकल टीमों ने घायलों के साथ पशुओं को भी उपचार प्रदान किया।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा की स्थिति में त्वरित, प्रभावी एवं समन्वित राहत-बचाव कार्य सुनिश्चित करना रहा। सम्पूर्ण मॉक ड्रिल के दौरान जिला प्रशासन की तत्परता, समन्वय और आपदा प्रबंधन की तैयारी सराहनीय रही।



