बदरीनाथ धाम में स्थानीय उत्पादों से ‘प्लास्टिक फ्री भंडारा’: यूथ फॉर हिमालयस की पहल से तीर्थयात्रियों ने चखा पहाड़ी स्वाद

देवभूमि में स्वदेशी अनाज और पारंपरिक व्यंजनों से तीर्थयात्रियों के भोजन में गढ़वाली संस्कृति की सुगंध, पर्यावरण संरक्षण का संदेश
टिहरी गढ़वाल। देवभूमि उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थल बदरीनाथ धाम परिसर में यूथ फॉर हिमालयस द्वारा ‘बद्री-केदार नैवेद्य सेवा’ के तहत आयोजित सामुदायिक भंडारे में देशभर के श्रद्धालुओं ने पहली बार मंडुए की पूरी, झंगोरे की खीर, आलू की सब्जी जैसे गढ़वाली व्यंजन का स्वाद चखा।
भंडारा पूरी तरह प्लास्टिक फ्री रखा गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। आयोजकों ने बताया कि यह कार्यक्रम धार्मिक पर्यटन, स्थानीय अर्थव्यवस्था और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। श्री बद्री-केदारनाथ मंदिर समिति के मार्गदर्शन एवं विजय पैलेस के सहयोग से आयोजित इस भंडारे में यूथ फॉर हिमालयस के स्वयंसेवकों ने स्वच्छ और पोषण युक्त भोजन प्रस्तुत किया।
“यह पहल केवल एक भंडारा नहीं, बल्कि देवभूमि के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व का आह्वान है। आगे भी हिमालयी धामों में स्थानीय अनाजों के साथ ऐसे आयोजन होंगे, जिससे पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिले।”
— अभिषेक रावत, ऑपरेशनल हेड, यूथ फॉर हिमालयस
आयोजकों ने बताया कि मंडुआ, झंगोरा आदि स्थानीय अनाजों को श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय बनाने, धार्मिक पर्यटन को सशक्त करने और हिमालय को प्लास्टिक मुक्त रखने के उद्देश्य से यह भंडारा आयोजित किया गया। भविष्य में केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री एवं अन्य धामों में भी इसी तरह का आयोजन किया जाएगा।



