देवप्रयाग महाविद्यालय में इन्द्रमणी बडोनी शताब्दी पर गढ़वाली–कुमाऊंनी कवि सम्मेलन

टिहरी गढ़वाल 24 दिसंबर 2025 । ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय, देवप्रयाग में ‘उत्तराखंड के गांधी’ स्वर्गीय श्री इन्द्रमणी बडोनी जी के 100वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में गढ़वाली–कुमाऊंनी कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एम. एन. नौडियाल ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के सम्मुख दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके पश्चात बैज अलंकरण एवं शॉल भेंट कर मुख्य अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सृजना राणा एवं डॉ. अमित कुमार ने संयुक्त रूप से किया।
कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त कवि डॉ. नीरज नैथानी, श्री देवेन्द्र उनियाल तथा श्री धर्मेन्द्र उनियाल उपस्थित रहे। देवेन्द्र उनियाल की गढ़वाली कविता ‘ढुंगु, ब्वै’ ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ. सृजना राणा ने गढ़कवि जीवनंद श्रीयाल की प्रसिद्ध कविताओं ‘चादरू’ एवं ‘अब त यु ढांचू खचबच ह्वेगे’ का सस्वर पाठ कर खूब सराहना बटोरी।
श्री धर्मेन्द्र उनियाल ने पलायन एवं मां पर आधारित कविताओं के माध्यम से सामाजिक संवेदनाओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. एम. एन. नौडियाल की कविता ‘पुराना घर’ ने श्रोताओं को भावुक कर दिया। डॉ. आदिल एवं डॉ. अमित कुमार ने भी अपनी सशक्त काव्य प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान की।
कवि सम्मेलन में डॉ. नीरज नैथानी की ‘जोशीमठ’, ‘गंगा’ सहित अन्य कविताओं ने साहित्यिक गोष्ठी में चार चांद लगा दिए और श्रोताओं को गहरे विचार-विमर्श के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण, शिक्षणेत्तर कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। यह आयोजन न केवल स्व. इन्द्रमणी बडोनी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि था, बल्कि उत्तराखंड की लोकभाषाओं और साहित्यिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में एक सार्थक प्रयास भी सिद्ध हुआ।



