दुखद: साहित्यकार-पत्रकार सुरेंद्र पंडीर का निधन
महिपाल सिंह नेगी की कलम से
अत्यंत दुखद खबर …
शिक्षक, साहित्यकार और पत्रकार सुरेंद्र पुंडीर नहीं रहे। आज प्रातः मसूरी में हुआ निधन। पत्नी और एक पुत्री को छोड़ गए। 64 वर्ष की थी उम्र। विभिन्न समाचार पत्रों में छपे सैकड़ों लेख। 6 पुस्तकें लिखी थी। जौनपुर की संस्कृति के थे गहरे जानकार। विभिन्न पत्रकार और साहित्यिक संगठनों के रहे संस्थापक और सक्रिय सदस्य। स्वामी मनमंथन के साथ युवा अवस्था में रहे अत्यंत निकट सहयोगी। पशु बलि प्रथा विरोधी सहित अनेक सामाजिक आंदोलनों में रहे सक्रिय। अत्यंत संवेदनशील कवि के रूप में भी थी पहचान। उनकी एक कविता – ( टिहरी डूबने पर) “सरहदों पर चली जाएंगी यादें, लहरों में समा जाएगा एक नगर। अब कौन सा सुदर्शन शाह आएगा, अपना घोड़ा लेकर …”