एक दिसंबर: आज विश्व एड्स दिवस है
नई टिहरी * गढ़ निनाद, 1 दिसंबर 2019
आज विश्व एड्स दिवस है। हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने का अहम मकसद एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली बीमारी एड्स के बारे में जागरुकता बढ़ाना है। विश्व एड्स दिवस साल 1988 के बाद से हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है। मौजूदा वक्त में एड्स सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है।
यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, 36.9 मिलियन लोग एचआईवी के शिकार हो चुके हैं। भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार भारत में एचआईवी के रोगियों की संख्या लगभग 2.1 मिलियन है।
आपको बताते चलें कि साल 1987 में ‘थॉमस नेट्टर’ और ‘जेम्स डेव्लयू’ बन्न द्वारा विश्व एड्स दिवस की पहली बार कल्पना की गई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने साल 1995 में विश्व एड्स दिवस की घोषणा थी, जिसे अन्य देशों द्वारा अनुकरण किया गया। लेकिन 1996 में यह पूरी दुनिया के प्रभाव में आया।
एड्स के शुरुआती लक्ष्ण क्या हैं बताते हैं
अधिक समय तक सूखी खांसी आना,ग्रंथियों में सूजन, बार–बार फंगल इंफैक्शन होना, रात को पसीना आना, याददाश्त कम होना, भूख कम लगना, वजन घटना,उल्टी आना ,सांस लेने में समस्या होना,शरीर पर चकत्ते होना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।
एड्स किन कारणों से होता है? यह भी जानकारी दे दें।
असुरक्षित यौन संबंध बनाना,संक्रमित खून चढ़ाने से, एचआईवी पॉजिटिव महिला के बच्चे में, एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सुई को दूसरी बार यूज करने आदि अनेक कारण हैं जिनसे इसकी संभावना रहती है। हमारे देश में एड्स से बचाव को लेकर समय समय पर अनेक कार्यक्रम होते रहते हैं लेकिन फिर भी जागरूकता की कमी के कारण साल दर साल कई मौतें होती रहती हैं।
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