फास्टैग की बिक्री ने पकड़ी तेज गति, जानिए विस्तार में
- FASTag प्रीपेड खाते से टोल भुगतान करने का आसान तरीका
- FASTag डिजिटल इंडिया का प्रतीक
- टोल प्लाजा पर बिना कैश-बिना रुके ड्राइव करें
- फास्टैग के दैनिक इस्तेमाल में उल्लेखनीय इजाफा
- 1.15 करोड़ से भी अधिक फास्टैग तो पहले ही जारी किए जा चुके हैं,
- 1 लाख से भी अधिक फास्टैग प्रतिदिन जारी किए जा रहे हैं।
- FASTag भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा डिजिटल इंडिया के तहत उपयोगी सेवा
31 दिसंबर 2019 * गढ़ निनाद ब्यूरो
दिल्ली: वर्ष 2019 में 15 दिसम्बर से ‘फास्टैग’ के जरिए इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह शुरू होने के साथ ही फास्टैग की बिक्री ने काफी तेजी पकड़ ली है। 1.15 करोड़ से भी अधिक फास्टैग तो पहले ही जारी किए जा चुके हैं, और अब 1 लाख से भी अधिक फास्टैग प्रतिदिन जारी किए जा रहे हैं। इस नयी व्यवस्था से एनएचएआई राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए आवाजाही में प्रतिदिन नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। सेवा शुरू होने के बाद फास्टैग के जरिए आवाजाही के आंकड़े 30 लाख से अधिक हो गए हैं। प्रतिदिन फास्टैग से होने वाला इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह 52 करोड़ रुपये के पार चला गया है।
गौरतलब है की FASTag एक ऐसा उपकरण है जो सीधे प्रीपेड खाते से जुड़ा होता है और इसके माध्यम से टोल प्लाजा पर भुगतान रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक से आसानी से हो जाता है। यह वाहन के विंडस्क्रीन पर चिपका होता है और बिना रुके व बिना नकद लेन-देन किये टोल प्लाजा पर गुजरने का सुविधा देता है।
फास्टैग वाहन चालकों को राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित टोल प्लाजा से गुजरने में काफी सहूलियत प्रदान करता है। यह राजमार्गों पर एक सुविधाजनक साधन और टोल प्लाजा पर समय कम करने में काफी मददगार साबित हुआ है. यह टूल डिजिटल इंडिया के तहत एक उपयोगी सेवा है। इस सेवा को शुरू करने में सम्बंधित फील्ड ऑफिसर के प्रयासों से शुरुआती परेशानियां सुलझा कर मुख्यालय स्तर पर निगरानी आसान हो गयी है।
प्राप्त सूचना के अनुसार फास्टैग को अपनाने से राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवाजाही काफी आसानी हुई है। साथ ही वाहन चालक पहले से ही काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं। जिससे टोल प्लाजा पर बाधाओं को कम करने और वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने में काफी मदद मिल रही है।
फास्टैग रिचार्ज को आसान बनाने के लिए भारत सरकार ने हाल ही में रिचार्ज के कई अन्य तरीकों में भीम यूपीआई एप को भी शामिल कर लिया है। इसने किसी भी यूपीआई पंजीकृत बैंक के जरिए फास्टैग को रिचार्ज कराने का मुद्दा सुलझा लिया है।
फास्टैग को अमल में लाना राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन चलाने वालों को सुरक्षित, सुव्यवस्थित एवं निर्बाध सफर सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।