देवभूमि विद्यापीठ बनबसा में भी छात्रवृत्ति घोटाला, मुकदमा दर्ज
गढ़ निनाद समाचार * ऊधमसिंह नगर/ बनबसा, 15 दिसंबर 2019
चम्पावत: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की चिंगारी अभी बुझने का नाम नहीं ले रही है। यह आग अब देवभूमि विद्यापीठ बनबसा तक पहुंच गई है। छात्रवृत्ति घोटाले में बरती गई अनियमितताओं के संबंध में जनपद स्तर पर गठित एसआईटी ने मामले की जाँच कर मुकदमा दर्ज कर दिया है। जांच में पाया गया कि देवभूमि विद्यापीठ बनबसा द्वारा वर्ष 2015-16 में एस0सी0 के कुल 221 छात्र-छात्राओं तथा एस0टी0 के कुल 140 छात्र-छात्राओं को दशमोत्तर छात्रवृत्ति के रूप में कुल 39.52 लाख रुपए दिए गए हैं।
उक्त विद्यालय एक किराए के भवन में वर्ष 2015 में संचालित था जो वर्तमान में संचालित नहीं हो रहा है। मकान मालिक सुखदेव कुमार पूरी पुत्र विष्णु प्रकाश पुरी निवासी ग्राम पचपकरिया बनबसा ने बताया कि उक्त विद्यालय में कक्षाओं के संचालन हेतु उनका मकान चेरब जैन, अनिल गोयल, विवेक शर्मा द्वारा किराए पर लिया गया था।
घोटाले की आशंका के चलते देवभूमि विद्यापीठ बनबसा के स्वामी प्रबंधक संचालक चैरब जैन पुत्र कमल कुमार जैन, अनिल गोयल पुत्र श्री कशमीरी लाल, विवेक शर्मा पुत्र दीनदयाल शर्मा, गौरव जैन एवं विद्यालय के अन्य अधिकारी /कर्मचारी गण, गोपाल सिंह राणा, तत्कालीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी तथा बिचौलिया मुकेश कुमार, प्रदीप कुमार उपरोक्त आदि अन्य व्यक्ति जो विद्यालय संचालन में संलिप्त हैं इनके द्वारा छात्रवृत्ति के रूप में सरकारी धन का गबन किया गया है। इनके विरुद्ध थाना बनबसा मे आज दिनांक 15 दिसंबर 2019 को मु0अ0सं0 68/19 अन्तर्गत धारा-409/ 420/ 466/ 467/ 468/ 471/ 120बी भादवि बनाम चैरब जैन आदि के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया है।
दलाल ने छात्रों को मुफ्त में डिग्री तथा छात्रवृत्ति मिलने का दिया लालच
वहीं समाज कल्याण विभाग की सूचना के अनुसार उक्त विद्यालय के ऐसे छात्र-छात्राओं जिनके द्वारा दशमोत्तर छात्रवृत्ति का लाभ लिया जाना बताया के संबंध 25 छात्र-छात्राओं का भौतिक सत्यापन किया गया। जांच के दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा बताया गया कि मध्यस्थ/बिचौलिया प्रदीप कुमार निवासी तितलीदिया खटीमा जनपद उधमसिंह नगर तथा मुकेश कुमार निवासी दियाचांदपूर खटीमा द्वारा उनको बताया गया था कि देवभूमि विद्यापीठ बनबसा में एडमिशन लेने पर मुफ्त में डिग्री तथा छात्रवृत्ति मिलेगी जिसके लिए उनके शैक्षिक, आय, जाति प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज़ लेकर उनका प्रवेश देवभूमि विद्यापीठ बनबसा में होना बताया गया।
छात्र-छात्राओं को विद्यालय द्वारा एक दो बार ही कक्षा के लिए बुलाया गया तथा बैंक ऑफ बड़ौदा की बनबसा शाखा में उनके खाते खुलवाए गए परंतु उन्हें न एटीएम दिए न छात्रवृत्ति दी और न डिप्लोमा दिया गया।
जांच टीम द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा की बनबसा शाखा में जाकर पता करने पर ज्ञात हुआ कि देवभूमि विद्यापीठ बनबसा के नाम से दिनांक 26 जनवरी 2015 को खाता खोला गया था जो वर्तमान में प्रचलित है परंतु काफी समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ है। जिसके खाताधारक चैरब जैन पुत्र कमल कुमार जैन, अनिल गोयल पुत्र कश्मीरी लाल तथा विवेक शर्मा पुत्र दीनदयाल शर्मा है। प्रथम दृष्टया जांच में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि देवभूमि विद्यापीठ द्वारा केवल छात्रवृत्ति लाभ लेने के लिए छात्र-छात्राओं का एडमिशन कराया गया था।
सहायक समाज कल्याण अधिकारी द्वारा झूठी जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत
सहायक समाज कल्याण अधिकारी द्वारा उक्त विद्यालय में कक्षाएं संचालित न होने के बाद भी अपनी रिपोर्ट में देवभूमि विद्यापीठ के छात्र-छात्राओं की दशमोत्तर छात्रवृत्ति लाभ देने हेतु पात्र उल्लेखित कर अपनी जाँच ऑख्या दी गई। समाज कल्याण विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये दस्तावेज़ों के अनुसार देवभूमि विद्यापीठ बनबसा को हिमगिरि जी यूनिवर्सिटी देहरादून, संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार तथा नोर्थ इस्ट फ्रन्टियर यूनिवर्सिटी आन्ध्र प्रदेश से मान्यता मिली थी, परन्तु पत्राचार करने पर नोर्थ इस्ट फ्रन्टियर यूनिवर्सिटी आन्ध्र प्रदेश द्वारा अवगत कराया गया है कि उनके विश्व विद्यालय से देवभूमि विद्यापीठ बनबसा को किसी प्रकार की मान्यता नही दी गयी है।