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यूआरटीएस वर्कशॉप में आयुक्त गर्ब्याल बोले, आयोग के निर्देशों का शक्ति से करें पालन

यूआरटीएस वर्कशॉप में आयुक्त गर्ब्याल बोले, आयोग के निर्देशों का शक्ति से करें पालन
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आयोग के प्रयासों से 27 विभागों की कुल 242 सेवाएं अधिसूचित, लगभग 100 विचाराधीन

24 जनवरी 2020, गढ़ निनाद समाचार 

नई टिहरी: उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार-2011 पर जपदीय पदाभिहित अधिकारियों एवं अपीलीय प्राधिकारियों हेतु एक दिवसीय ओरियन्टेशन वर्कशाॅप जिला पंचायत सभागार में मुख्य आयुक्त/प्रभारी उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग डी.एस.गर्ब्याल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। आयुक्त ने वर्कशाॅप में उपस्थित अधिकारियों से आयोग के विजन एवं मिशन के बारें में जानकारी देते हुए उसका सख़्ती से पालन करने के निर्देश दिये।

उन्होंने बताया कि अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित विभिन्न सेवाओं जिसमें समाज कल्याण विभाग द्वारा स्वीकृत की जाने वाली छात्रवृति, विधवा/वृद्धावस्था/विकलांग पेंशन आदि विनियमित क्षेत्र द्वारा मानचित्र स्वीकृति, स्थायी निवास प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पात्र, चरित्र प्रमाण-पत्र, संपत्ति हस्तांतरण आदि से संबंधित मामलों के निस्तारण के दौरान आयोग के संज्ञान में आये बिंदुओं को शासन को संदर्थित किया है। उन्होने बताया कि आयोग द्वारा किये गये प्रयासों का प्रति-फल है कि राज्य सरकार ने 27 विभागों की कुल 242 सेवाओं को अधिसूचित किया है और लगभग 100 सेवायें अधिसूचित किये जाने हेतु सरकार के विचाराधीन है तथा 17900 से अधिक मामलों की सुनवाई कर निस्तारण कर चुका है।

नागरिक अधिकार-पत्र के निर्माण हेतु विभागों के सहयोगार्थ तथा उन्हें तकनीकी मार्गदर्शन एवं परामर्श प्रदान करने हेतु उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग को राज्य में उत्प्रेरक एवं सुगमकर्ता नामित किया गया है जिस संबंध में आयोग राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित कर चुका है। उन्होने कहा कि नागरिकों के उपयोगार्थ आयोग की वेबसाईट www.urtsc.uk.gov.in एवं टोल फ्री 1800-270-9818 जारी किया गया है। जिसमें ऑनलाइन शिकायत, पुनरीक्षण एवं सुझाव दर्ज करने की व्यवस्था है। उहोंने कहा कि आयोग अब तक अधिसूचित सेवाओं से संबंधित कुल 17900 से अधिक मामलों की सुनवाई कर निस्तारण कर चुका है। 

इस अवसर पर सचिव उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग पंकज नैथानी ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार रखे। कार्यशाला के माध्यम से पदाभिहित अधिकारियों को आवेदनों की प्रति, उनके सापेक्ष जारी पावती, आवेदनों के निस्तारण, अस्वीकृत आवेदनों के कारणों को लिखित में आवेदक को अभिलिखित किये जाने आदि विषय तथा अपीलीय प्राधिकारियों को पदाभिहित अधिकारियों के कार्यालयों के निरीक्षण, उन्हे मार्गदर्शन प्रदान करने, अपीलों का समय से निस्तारण, प्रगति प्रतिवेदनों की समयबद्धता आदि विषयों से भी रुबरु कराया गया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक रुहेला, जनपद के समस्त उपजिलाधिकारी, जिला स्तरीय अधिकारी, पुलिस विभाग के सीओ, तहसीलदार, पुलिस विभाग के थाना प्रभारी एवं नगर के प्रबुद्ध एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। 


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