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‘मानवता के लिए योग जरूरी’

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देहरादून। योग एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है जो किसी के मानसिक और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में मदद करता है। वास्तव में, योग मनो-शारीरिक स्वास्थ्य के निर्माण और दैनिक तनाव के प्रबंधन के अलावा शक्ति और लचीलापन विकसित करने में सहायक है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 का विषय ‘मानवता के लिए योग‘ है, जो महामारी के कारण होने वाले महत्वपूर्ण मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक संघर्ष को ध्यान में रखते हुए है। अतः समाज में योग के महत्व और तन और मन को पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने में इसकी भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करने की दृष्टि से है।
वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून ने 21 जून, 2022 को ‘‘मानवता के लिए योग‘‘ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय योग-2022 दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया।

कार्यक्रम का आयोजन एफआरआई के मुख्य भवन के सामने केंद्रीय विद्यालय के छात्रों और उनके शिक्षकों और अधिकारियों, वैज्ञानिकों, एफआरआई के अन्य कर्मचारियों और एफआरआई डीम्ड विश्वविद्यालय के विद्वानों के साथ किया गया था। श्रीमती ऋचा मिश्रा, आईएफएस और हेड एक्सटेंशन डिवीजन, एफआरआई ने डॉ रेणु सिंह, आईएफएस, निदेशक, एफआरआई और इस अवसर पर उपस्थित अन्य लोगों का स्वागत किया। केन्द्रीय विद्यालय, एफआरआई के विशेष योग शिक्षक श्री कमलेश बिजलवां का भी विशेष स्वागत किया गया।

इसके बाद उन्होंने डॉ. रेणु सिंह, आईएफएस, निदेशक एफआरआई को उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया। डॉ. रेणु सिंह ने सभा को संबोधित किया और कहा कि योग की उत्पत्ति हजारों साल पहले, विश्वास प्रणालियों के जन्म से भी पहले हुई थी। योग शब्द का उल्लेख हमारे प्राचीन साहित्य में भी मिलता है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बारे में भी बात की जिसका उद्देश्य मन की शांति और आत्म-जागरूकता के लिए ध्यान की आदत पैदा करना है जो तनाव मुक्त वातावरण में जीवित रहने के लिए आवश्यक है और यह भी कि कैसे योग ने लोगों को कोविड महामारी के तनावपूर्ण वर्षों से निपटने में मदद की है।
अंत में डॉ. चरण सिंह, वैज्ञानिक-एफ, विस्तार प्रभाग, एफआरआई ने धन्यवाद ज्ञापित किया।


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