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शनिश्चर का बुधू : दम लगा के हईशा-डोबरा चांठी जईसा

शनिश्चर का  बुधू : दम लगा के हईशा-डोबरा चांठी जईसा
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गढ़ निनाद न्यूज़* 3 अक्टूबर 2020

नई टिहरी। गांधी जयंती पर टिहरी में कांग्रेस ने पूरा जोर लगाया। बुद्धू को मजा आया।  उत्तराखंड की सत्ता से  साढ़े तीन साल बाहर रहने के बावजूद कांग्रेसियों में इतना दम मानना पड़ेगा। जलने वाले बकते रहें। दस सालों में सत्ता की मलाई की ताकत इतनी जल्दी खत्म तो नहीं होगी। चुनाव से ठीक पहले पीडब्ल्यूडी की सिर्फ एक डिवीजन से 13-14 करोड़ के ठेके। इस पार भी और उस पार भी। माननीय सीएम साहब इसके लिए कोई एसआईटी नहीं?

बुधू को पता है कि इधर भी वही हाल हैं। उत्तराखंड की देवतुल्य जनता 5-5 साल के लिए  पट्टा दे देती है। खुद रोती रहती है।डोबरा चांठी पुल को बनाने में 14 साल लग गए। निष्काम कर्मयोगी संत पुल का श्रेय नहीं लेने की होड़ में जोड़-तोड़ में लगे हैं । मामला प्रताप नगर वालों का है। 15-16 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रतापनगर में यह बड़ा मुद्दा होने वाला है। जांचे परखे दो योद्धाओं की राजनीतिक जंग है। दाल भात में टिहरी मुसल चंद है। बुद्धू किसी को दिखा नहीं सबको देख रहा था । कांग्रेसियों का जोश देखने लायक था। पुल बनाने वाले सुरक्षा टेस्टिंग की बात कर रहे हैं। 15 टन के वजन फुल पर खड़े किए गए।  पुल झेल सकता है या नहीं। बेकार की कवायद। कांग्रेसियों ने एक झटके जांच लिया। उनकी इतनी जोशीली जांच कि बुधू तो डरकर पार की तरफ खिसक लिया। कहीं कांग्रेसी पहलवानों के जोर से फुल ही आर पार ना हो जाए। प्रताप नगर वालों को ललकार रहे थे । आओ पुल पार करो। भाजपा शुदी मुदि श्रेय ले रही है। दिल्ली के अकबर रोड दफ्तर में पुल डिजाइनर, विशेषज्ञ, इंजीनियर भी गोपनीय तरीके से तैयार किये जाते थे। बुधू को किसी परम ज्ञानी ने बताया था । अब विश्वास हो गया है। लगे  रहो भाइयों। दम लगाके हईशा। शुभकामनाएं।

  नई टिहरी में नहीं मिला उक्रांद

बुधू सही सलामत नई टिहरी लौटा। तो दो अक्टूबर को  मुजफ्फरनगर कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने युद्ध स्मारक पर पहुँचा। यहां राज्य आंदोलन के कुछ शहीदों का नाम पट्ट भी लगा है। बताते हैं कि नई टिहरी में शासन प्रशासन द्वारा चिन्हित छह सात उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी हैं। उनको आंदोलन में योगदान देने के लिए सरकार पेंशन देती है।  श्रद्धांजलि कार्यक्रम में महज़ आधा दर्जन लोग ही थे। हां उत्तराखंड क्रांति दल का कोई भी ठेकेदार वहां नहीं था । तुम भी मस्त रहो। अच्छा है। बुद्धू सोता है।


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Govind Pundir

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