टिहरी की संघर्ष यात्रा- 6
विक्रम बिष्ट
गढ़ निनाद समाचार* 10 नवम्बर 2020
नई टिहरी।
30 मार्च 2001 से शुरू हुआ बांध प्रभावितों का आंदोलन लगातार कई दिनों तक जारी रहा।
इसमें ग्रामीणों की भागीदारी खासकर महिलाओं की बड़ी थी। मुख्य बांध का निर्माण कार्य ठप हो गया था। आंदोलन भागीरथी और भिलंगना घाटियों में फैल गया था।
समानांतर धरना स्थल के माध्यम से कांग्रेस ने इस आंदोलन का श्रेय लेने की कोशिश की। पत्रकारों के दर्शन करने के बाद कांग्रेसी धरना स्थल से अंतरर्ध्यान हो जाते थे। अशोक सिंघल को कोसते कोसते उनके गले बैठ गए। हाथ कुछ नहीं आया।
बांध निर्माण की कंपनी जेपी इंडस्ट्रीज ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उसकी शिकायत थी कि बांध क्षेत्र में विस्थापित के जुलूस प्रदर्शन के कारण काम नहीं हो रहा है। स्थानीय प्रशासन और प्रदेश सरकार सहयोग नहीं कर रही है। जिस कारण कंपनी को करोड़ों रुपयों का नुकसान हो रहा है। इस पर कोर्ट ने प्रदेश सरकार के निर्माण कार्य में सहयोग देने का निर्देश दिया।