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राष्ट्रीय युवा दिवस पर कुलपति डा0 ध्यानी ने लिया संकल्प, हर रोज 1 घंटे अधिक करेंगे शासकीय कार्य

राष्ट्रीय युवा दिवस पर कुलपति डा0 ध्यानी ने  लिया संकल्प, हर रोज 1 घंटे अधिक करेंगे शासकीय कार्य
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गढ़ निनाद समाचार* 12 जनवरी 2021

नई टिहरी। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में पहली बार स्वामी विवेकानन्द जी की 158वीं जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के अधिकारियों एंव कर्मचारियों द्वारा कुलपति डॉ0 ध्यानी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कुलपति ने सर्वप्रथम स्वामी विवेकानन्द जी के चित्र पर श्रृद्धा सुमन अर्पित किय गयेे।

इस मौके पर कुलपति ने  कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी के व्यक्तित्व एंव कृतित्व से सीख लेकर हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए। विश्वविद्यालय में कार्यरत समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों का लक्ष्य विश्वविद्यालय को उत्कृष्ट विश्वविद्यालय बनाना ही है, जिसके लिये प्रत्येक व्यक्ति को जागृत होना पडेगा और मेहनत व लगन से कार्य करना पडेगा।

स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुये कुलपति ने कहा कि दुनिया में वेदांत और हिन्दु दर्शन के सिद्धान्तों का प्रसार करने वाले पहले देशभक्त सन्यासी स्वामी विवेकानन्द ही थे। जो भारतीय वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरू थे। जिन्होने पूरे विश्व में हिन्दू दर्शन के सिद्धान्तों का प्रचार प्रसार, एक देशभक्त सन्यासी के रूप में किया।

डॉ0 ध्यानी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द का मुख्य कथन “उतिष्ठत जाग्रत प्राप्य बरान्निबोधत’’ यानी उठो, जागो और तब तक नही रूको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये ” को सफलता प्राप्ति हेतु जीवन का मूलमंत्र भी समझा जा सकता है। आज पूरी दुनिया स्वामी विवेकानन्द जी के जन्म दिवस पर अनेकों कार्यक्रम आयोजित कर रही है। किन्तु उत्तराखण्ड एक ऐसी देवभूमि है जहां स्वामी विवेकानन्द जी को आत्मज्ञान की अनुभूति हुयी थी। स्वामी विवेकानन्द जब 27 साल के थे तो उन्होने उत्तराखण्ड की पहली यात्रा की थी और काकड़ीघाट, जो संत सोमवारी गिरी और हैडाखान बाबा की साधना स्थली थी,  में विश्राम करने के बाद उन्हे एक पीपल के पेड़ के नीचे आत्मज्ञान की अनुभूति हुई। यही कारण था कि स्वामी विवेकानन्द जी को उत्तराखण्ड से बेहद लगाव था। 

डा0 ध्यानी द्वारा कार्यक्रम में उत्तराखण्ड सरकार का साधुवाद किया गया क्योंकि राज्य सरकार ने स्वामी विवेकानन्द जी के जन्म दिवस पर कई अहम फैसले लिये। पहला कि राज्य के समस्त महाविद्यालयों में राज्य स्तरीय निबन्ध प्रतियोगिता ’’स्वामी विवेकान्द जी के विचारों की उत्तराखण्ड राज्य के परिपेक्ष्य में प्रासंगिकता’’ का आयेाजन करवाया गया, दूसरा कि राज्य में ’’स्वामी विवेकानन्द पर्यटन सर्किट ’’ की स्थापना की गयी, जिसकी कुलपति द्वारा भूरी भूरी प्रशंसा की गयी।

डा0 ध्यानी द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आज से ही अपने लक्ष्य, जो कि विश्वविद्यालय को उत्कृष्ट बनाना है, के प्रति अग्रसर होने का अहवान किया गया। कुलपति के सुझाव पर सभी अधिकारियों एंव कर्मचारियों द्वारा छात्र हित तथा विश्वविद्यालय हित में आज से ही 10 बजे से लेकर सांय 06 बजे तक कार्य करने का निर्णय लिया गया। अब हर रोज विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारी, अधिकारी व स्वंय कुलपति सुबह 10 बजे से सांय 06 बजे तक विश्वविद्यालय मुख्यालय में कार्य करेंगे।

इस मौके पर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा0 आर0एस0चैहान, प्र0 कुलसचिव दिनेश चन्द्रा तथा कार्यक्रम में मंच का संचालन कर रहे डा0 हेमन्त बिष्ट ने भी अपने विचार कार्यक्रम में साझे किये। 

कार्यक्रम में डा0 बी0एल आर्य सहायक परीक्षा नियंत्रक, सुनील नौटियाल प्र0 प्रशासन, प्र0 निजी सचिव कुलदीप सिंह नेगी, दर्शन लाल, पवन रतूडी, रविन्द्र, उपेन्द्र, मनोज, कुलदीप सिंह नेगी, गजेन्द्र रावत, अभिषेक भण्डारी, अमित, अर्जुन आदि उपस्थित रहे।


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Govind Pundir

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