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लंका की सेना नहीं हिला सकी अंगद का पैर: राम सेतु निर्माण हेतु रावण ने की स्वयं पूजा अर्चना

लंका की सेना नहीं हिला सकी अंगद का पैर: राम सेतु निर्माण हेतु रावण ने की स्वयं पूजा अर्चना
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कुलबीर बिष्ट।

गढ़ निनाद समाचार* 3 फरवरी 2021।

पीपलकोटी। पीपलकोटी के सेमलडाला मैदान में श्री केदार बद्री मानव श्रम समिति रूद्रप्रयाग के तत्वाधान में पतंजलि महिला द्वारा आयोजित रामलीला के अष्ठम दिवस की लीला का शुभारम्भ धर्मार्थ चिकित्सालय के डाॅ0 एम.एस. ईलांगों, डाॅ0 विकास पोखरियाल व डाॅ0 दीक्षा उनियाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। 

अष्ठम दिवस के प्रथम दृश्य में रावण द्वारा अपने भाई विभीषण को अपने राज्य लंका से निकाल दिया जाता है। तब विभीषण राम दल में मिल जाता है और लंका में जाने के लिए राम सेतु का निर्माण योजना के तहत रावण द्वारा सेतु निर्माण हेतु पूजा अर्चना कर भगवान राम को उनके कार्य हेतु शुभाषीश दिया जाता है। तत्पश्चात राम द्वारा अंगद को दूत के रूप में रावण के पास भेजा जाता है।

रावण के पात्र मुन्नी बिष्ट व अंगद के पात्र बीरा फरस्वाण द्वारा रावण अंगद संवाद के दौरान अंगद के बहुत समझाने पर भी जब रावण नहीं मानता है तो अंगद द्वारा अपना पैर जमीन से उठाने के लिए रावण सेना को ललकारा जाता है, लेकिन लंका के किसी भी सेनापति द्वारा अंगद का पांव नहीं हिलाया जाता है। जब अंगद का पांव हिलाने के लिए स्वयं रावण आता है तो अंगद द्वारा रावण को प्रभु राम के पैरों में पडने के लिए कहा जाता है लेकिन रावण द्वारा न मानने पर अंगद द्वारा राम सेना की तरफ से युद्ध का ऐलान किया जाता है। रावण अंगद संवाद देख पूरा पाण्डाल ही मंत्र मुग्ध हो उठा।

राम की भूमिका में राजेश्वरी देवी, लक्ष्मण की भूमिका में मीना राणा, हनुमान की भूमिका में पुष्पा कनवासी, शुक्रीव की भूमिका में ऊषा मलासी, विभीषण की भूमिका में तनुजा मैठाणी थी।

इस अवसर पर बण्ड संगठल के पूर्व अध्यक्ष अतुल शाह, पूर्व क्षेपंस लुहाॅं सुनील कोठीयाल, सांसद प्रतिनिधि अयोध्या हटवाल, पूर्व महामंत्री बण्ड संगठन हरीश पुरोहित, चैज हिमालय के प्रबन्धक विमल मलासी, देवकी सती, आर. रौतेला, लक्ष्मी शाह, विमला देवी, देवेश्वरी देवी, जशोदा देवी के अलावा सैकडों ग्रामीण मौजूद थे।         


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Govind Pundir

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