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उत्तराखंड पुलिस में महिला कमांडो दस्ते के शामिल होते ही उत्तराखण्ड बना देश का चौथा राज्य

उत्तराखंड पुलिस में महिला कमांडो दस्ते के शामिल होते ही उत्तराखण्ड बना देश का चौथा राज्य
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गढ़ निनाद समाचार* 24 फरवरी 2021।

देहरादून : उत्तराखंड पुलिस के दस्ते में आज उत्तराखण्ड महिला कमांडो का दस्ता जुड़ गया है। उत्तराखण्ड देश का चौथा राज्य बन गया है, जहां पुलिस विभाग में महिला कमांडो का दस्ता तैयार किया है। 

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधबार को पुलिस लाईन देहरादनू में उत्तराखण्ड की महिला कमांडो फोर्स एवं स्मार्ट चीता पुलिस का शुभारम्भ किया। उन्होंने कमाण्डो प्रशिक्षक शिफू शौर्य भारद्वाज, सैन्य अधिकारी रूबीना काॅर्की, पीटीसी नरेन्द्र नगर के प्रशिक्षक हितेश कुमार, कमाण्डो निरीक्षक नीरज कुमार एवं प्रशिक्षित महिला पुलिस कमांडो को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने चमोली आपदा के दौरान दिवंगत दो पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जनपद में आपदा के दौरान हमारी महिला अधिकारियों द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों में सराहनीय कार्य किया गया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला पुलिस कार्मिकों के कमांडो एवं चीता पुलिस दस्ते के गठन से राज्य की महिलाओं में पुलिस के प्रति विश्वास एवं मनोबल बढ़ेगा तथा वह अपनी परेशानियों को महिला पुलिस से साझा कर सकेंगी तथा महिला अपराधों को नियंत्रित किया जा सकेगा।कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस के दस्ते में आज उत्तराखण्ड महिला कमांडो का दस्ता जुड़ने से उत्तराखण्ड देश का चौथा राज्य बन गया है, जहां पुलिस विभाग में महिला कमांडो का दस्ता तैयार किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों एवं काॅलेजों में पढ़ने वाली बेटियों को भी प्रारंभिक आत्म सुरक्षा के गुर सिखाने जरूरी है। बेटियों को मोटिवेशन देना जरूरी है। यह समाज की आवश्यकता है। पढ़ाई के दौरान उन्हें आत्म सुरक्षा से संबंधित जानकारी हो। हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में प्रदेश में हम बेटियों को आत्म सुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षित करें। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य और केंद्र सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। हमने पति की पैतृक सम्पत्ति में पत्नी को सह खातेदार बनाया है। ऐसा निर्णय लेने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना है। समाज में जिस तरह बदलाव हो रहा है, ऐसे समय में महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना भी बहुत जरूरी है। 

इस अवसर पर डीजीपी अशोक कुमार ने सबसे पहले चमोली आपदा के दौरान शहीद हुए दो जवानों हेड कांस्टेबल मनोज चौधरी और कॉन्स्टेबल बलबीर गड़िया को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बताया कि रैणी से 14 हजार फीट की ऊंचाई पर जो झील बन गयी थी वहां सबसे पहले हमारे एसडीआरएफ के जवान पहुंचे और जानकारी दी।

कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में महिला कमांडो दस्ते का गठन किया गया है। अभी तक नागालैंड, केरल और पश्चिम बंगाल में इस प्रकार के दस्ते का गठन है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में ही नहीं दुश्मनों से लोहा लेने में यह दस्ता सक्षम है। 


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Govind Pundir

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