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खुशखबरी: अब ड्रोन पहुंचाएगा जरूरी दवाएं, ट्रायल सफल

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29 मिनट में एम्स से टिहरी पहुंची टीबी की दवा

ऋषिकेश/टिहरी गढ़वाल 16 फरवरी। एम्स ऋषिकेश ने बृहस्पतिवार को मेडिकल के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित कर ड्रोन द्वारा दवा पहुंचाने में सफलता हासिल की है। इस ट्रायल द्वारा टीबी के मरीजों हेतु टिहरी जिला चिकित्सालय में दवा भेजी गई। एम्स ऋषिकेश के हेलीपैड से टिहरी तक 36 किमी. की यह हवाई दूरी ड्रोन ने 29 मिनट में पूरी की। 

एम्स ऋषिकेश से टीबी के मरीजों को ड्रोन से दवा भेजने का यह ट्रायल पूर्णतः सफल रहा। ड्रोन से दवा भेजने की शुरुआत करने वाला एम्स ऋषिकेश अब देश का पहला एम्स संस्थान बन गया है। बता दें कि एम्स के हेलीपैड से टिहरी के बौराड़ी स्थित जिला चिकित्सालय तक पहुंचने में सड़क मार्ग से लगभग 3 घंटे का समय लगता है। लेकिन ड्रोन ने यह दूरी मात्र 29 मिनट में पूरी की । ड्रोन पूर्वाह्न 10 बजकर 44 मिनट पर एम्स से उड़ा था और 11 बजकर 14 मिनट पर टिहरी में लैंड हुआ। वापिसी में इसने टिहरी जिला चिकित्सालय से 11 बजकर 44 मिनट पर उड़ान भरी और यह 12 बजकर 15 मिनट पर एम्स में हेलीपैड पर सकुशल लैंड हो गया। 

एम्स सूत्रों के अनुसार प्रति घंटा 120 किमी की गति से उड़ने वाले यह ड्रोन 3 किलोग्राम भार ले जा सकता है। ड्रोन का अपना वजन 16.5 किलोग्राम है जबकि एम्स से जिला चिकित्सालय की हवाई दूरी लगभग 36 किमी है।

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डाॅ.)मीनू सिंह ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के घायल हो जाने अथवा गंभीर बीमार हो जाने की स्थिति में, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंसे जरूरतमंदों तक दवा पहुंचाने तथा दूरस्थ क्षेत्रों से एम्स तक आवश्यक सैंपल लाने में इस तकनीक का विशेष लाभ मिलेगा। इसके अलावा आंखों की कॉर्निया के प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में भी इस तकनीक का उपयोग कर समय की बचत की जा सकेगी।

चारधाम यात्रा के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते कई तीर्थयात्रियों को तत्काल दवा अथवा मेडिकल उपकरणों की आवश्यकता पड़ जाती है। इसके अलावा पैदल यात्रा के दौरान कई लोग हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक तथा अन्य स्वास्थ्य कारणों के चलते गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं। ऐसे में एम्स ऋषिकेश की यह सुविधा उन्हें तत्काल दवा पहुंचाने में कारगर सिद्ध हो सकती है। 


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