रहस्यमयी शिवालय जहां नहीं है जलेरी, होती है पूरी परिक्रमा
गढ़ निनाद समाचार, नई टिहरी।
आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर जनपद के तमाम शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही। भक्तों ने मन्नत मांगी और भोले का आशीर्वाद लिया। विकासखण्ड जाखणीधार स्थित देवलसारी महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर भक्तों ने भगवान शिव व माता पार्वती की विशेष पूजा-आराधना की।
भक्तों ने शिवलिंग पर बिल्वपत्र, दूध, दही, धतूरा और जलाभिषेक कर भगवान शिव को प्रसन्न कर आशीर्वाद लिया। श्रावण मास में भी यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, निसंतान दम्पति सन्तान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
घनश्याम उनियाल जी ने एक रहस्य की बात और बताई जो चौंकाने वाली है। उन्होंने बताया कि देवलसारी एक ऐसा मंदिर है जहां जलेरी नहीं हैं। यहां शिवलिंग पर जितना भी जल,विल्वपत्र आदि चढ़ाओ सब कहां जाता है, आज तक रहस्य बना हुआ है।
पंडित जी ने केके जानकारी और दी उन्होंने बताया लगभग सभी शिव मंदिरों में जलाभिषेक के बाद शिवलिंग की आधी परिक्रमा की जाती है, जलेरी को नहीं लांघते हैं। लेकिन यहां पूरी परिक्रमा करने का विधान है। क्योंकि यहां जलेरी नहीं है।इसके अलावा एक परंपरा जो आदिकाल से चली आ रही है वह यह है कि यहां भक्त पानी स्वंय नही चढ़ा सकता बल्कि मंदिर का पुजारी ही भक्तों के लाए हुए जल को खुद शिवलिंग पर चढ़ाता है।