उत्तराखंड भर में राहत को लेकर लोगों ने उठायी आवाज़- कामगारों मज़दूरों की जिम्मेदारी लो सरकार!
नई टिहरी, 11 मई 2021। गनिस। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि समाज के अन्तिम कोने पर बैठे वर्ग की सरकार मारने पर उतारू है। अक्टूबर में वैज्ञानिकों ने इस स्टर्न के बारे में चेता दिया था, लेकिन सरकार सोयी रही।गावों की बहुत ही बुरी दशा है और सरकारों ने लोगों को भाग्य के भरोसे छोड़ दिया है।
आज मंगलवार 11 मई 11 बजे से 12 बजे तक उत्तराखंड में हज़ार से ज्यादा कामगारों के साथ सात विपक्षी दल, राज्य के विभिन्न जन संगठन, और राज्य के बुद्दिजीवियों तक ने अपने घरों के अंदर ही धरने दिए।
इस नारे के साथ- *ठप्प मजदूरी, बंद रोजगार, कामगारों मजदूरों की जिम्मेदारी लो सरकार!* राज्य के हर जिले से लोग जुड़ गए थे और लोगों ने अपना समर्थन पर्सनल फेसबुक पेज के जरिए शेयर किये।
उपाध्याय ने कहा कि राज्य में बेरोज़गारी और सरकार की नाकामी से भी गंभीर स्थिति बन रही है। काम बंद होने के कारण लाखों दिहाड़ी मज़दूर बेरोज़गार हैं और दूसरी तरफ एक लाख से ज्यादा उत्तराखंडी युवाओं को राज्य में मजबूरी में वापस लौटना पड़ा है। कोई भी आज कमा नहीं पा रहे हैं। लेकिन लोगों को राहत देने के बजाय सरकार अपना राजस्व बचाने में लगी है। बिजली और पेट्रोल के दाम, दोनों को बढ़ा दिए हैं। अतिरिक्त राशन छोड़ कर कहीं राहत का कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।
टिहरी में धरने पर देवेन्द्र नौडियाल, सतीश चमोली, विजय गुंसोला,राकेश राणा, राजेंद्र डोभाल,मुकेश लखेड़ा, बलबीर कोहली, सुरेश तोपवाल, नरेश बलोदी, सौरभ तड़ियाल, राजेश्वर बडोनी, रमेश रतूड़ी, दिनेश सकलानी, असद आलम, मनोज व्यास आदि बैठे रहे।
प्रमुख मांगे:
*पानी और बिजली बिलों को पूरी तरह से माफ़ किया जाए
*प्रवासी मज़दूरों के लिए निशुल्क राशन की व्यवस्था की जाए
*मनरेगा के अंतर्गत काम के दिनों को 200 दिन तक बढ़ाया जाए
*शहरों और पहाड़ों में दिहाड़ी मज़दूर और लौटे हुए उत्तराखंडियों के लिए तुरंत रोज़गार योजना बनाया जाए
*राज्य में हर मज़दूर या गरीब परिवार को न्यूनतम 6000 रुपये प्रतिमाह सहायता दी जाए