विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष
*गोविन्द पुंडीर*
नई टिहरी। विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने की थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित ‘विश्व पर्यावरण सम्मेलन’ में चर्चा के बाद शुरू किया गया था।
विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है। पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सन 1972 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था। विश्व पर्यावरण दिवस यानी “world environment day” को हम प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने का दिन भी कह सकते हैं। इस दिन को मनाने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि हम लोगों को पर्यावरण के प्रति सचेत कर सकें। क्योंकि हम भी तो पर्यावरण और पृथ्वी का एक हिस्सा हैं। प्रकृति के बिना मानव जीवन संभव नहीं है।
पूरे संसार में पर्यावरण एक गंभीर समस्या बन चुकी है। साल दर साल विश्व में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। इंसानों ने अपनी शानो-शौकत के लिए संसाधनों का निर्माण किया, प्रकृति के साथ छेड़छाड़ किया। जिससे पर्यावरण पर बुरा असर पड़ा। इस बुरे असर से होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए ही वैश्विक मंच बनाया गया। ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके।
प्रकृति के साथ अगर हम छेड़छाड़ करेंगे तो इसके दुष्परिणाम आपदा के रूप में हमारे सामने आए हैं। केदारनाथ आपदा हो या रैणी की, इसके जीते जागते उदाहरण हैं। इसलिए पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सबको आगे आना ही होगा।