खटीमा गोलीकांड के अमर शहीदों की 27वीं बरसी पर दी श्रद्धांजलि
नई टिहरी। आज 1 सितंबर को खटीमा गोलीकांड के अमर शहीदों की 27वीं बरसी पर नई टिहरी शहीद स्थल पर राज्य निर्माण आंदोलन के सूत्रधार पूर्व विधायक एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, वरिष्ठ कांग्रेसजनों और राज्य निर्माण आंदोलनकारियों ने अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
खटीमा के राज्य आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए आज उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के साथ-साथ राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने उत्तराखंडियों को राज्य व केन्द्र सरकार से न्याय देने की मांग की।
उत्तराखंडियों को मण्डल कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार OBC घोषित करने तथा वनों पर उनके पुश्तैनी हक-हकूक और अधिकार बहाल करने की मांग की गयी।
वनाधिकार आन्दोलन के संस्थापक व प्रणेता किशोर उपाध्याय ने कहा कि मंडल कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में किसी क्षेत्र को पिछड़ा घोषित करने के लिए प्रमुखतः तीन मानदंडों (सामाजिक स्थिति, शैक्षिक स्थिति और आर्थिक स्थिति) को आधार माना था। आज भले ही कुछ मानदंडों के हिसाब से स्थिति बदल गई हो लेकिन जिस वक्त मंडल कमीशन ने सर्वेक्षण किया या अपनी रिपोर्ट दी थी अर्थात 20 दिसंबर 1978 से 31 दिसंबर 1980 के बीच उस उक्त भी उत्तराखंड का अधिकांश हिस्सा उपरोक्त वर्णित तीनों मानदंडों में पूरी तरह से, पिछड़ा क्षेत्र के रूप में शामिल करने के लिए उपयुर्क्त था। मालूम नहीं किन कारणों से मंडल कमीशन ने उत्तराखंड का दौरा नहीं किया या उत्तराखंड को नजरअंदाज कर दिया।
उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन की रिपोर्ट के पेज 52 में शैक्षिणिक स्थित से सम्बंधित मानदंड में लिखा है कि जिन जाति या वर्गों में, 25 प्रतिशत लोगों ने कभी शिक्षा न ली हो या 25 प्रतिशत लोग शिक्षा को बीच में छोड़ देते हों, या 25 प्रतिशत से कम लोग दसवीं पास हों, ऐसी जाति या वर्गों को OBC की सूची में शामिल किया जाये। आज भी उत्तराखंड का पर्वतीय और ग्रामीण क्षेत्र इस मानदंड में पूरी तरह से खरा उतरता है।
इसी रिपोर्ट में आर्थिक आधार में प्रमुखतः चार मानदंड दिए गए हैं-
• 25 प्रतिशत लोगों की पारिवारिक संपत्ति की कीमत राज्य के औसत से कम हो।
• जहाँ 50 प्रतिशत लोगों को पीने के पानी के लिए आधा किलोमीटर से अधिक दूर जाना पड़ता हो।
• तीसरा मापदंड है कि 25 प्रतिशत से अधिक लोगों ने, राज्य औसत से अधिक का ऋण घरेलू उपयोग के लिए लिया हो।
• 25 प्रतिशत से अधिक लोग कच्चे घरों में रह रहे हों।
उपाध्याय ने कहा कि खटीमा के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उत्तराखंडी अपने OBC में शामिल होने के अधिकारों के प्रति संकल्पबद्ध हों और उसे हासिल करें।