बुधू : लगे रहो हरक-हरदा
हरक सिंह के हड़कड़ाने से उत्तराखंड की राजनीतिक हड्कती है। उनकी हड़क-वड़क के बिना उत्तराखंड की राजनीति नीरस है। सच यही है कि उत्तराखंड की राजनीति डबल ‘ह’ पर ही केंद्रित हैं।
पिछले दिनों जब हरक सिंह ने चुनाव न लड़ने की बात की थी तो बुधू सहित पत्रकारिता के तमाम धुरंधरों को निराशा हुई। हरक सिंह के बिना तड़कती फड़कती राजनीतिक खबरें कहाँ से मिलेंगी
उधर पंजाब कांग्रेस को उचित गति पहुंचाने के बाद आला कमान ने उन्हें जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया। अब वह पूरी तरह से उत्तराखंड को देवभूमि और कांग्रेस को देवदूत बनाने में जुट गये हैं।
पीएम, भाजपा, कांग्रेस के अध्यक्ष जो भी हों, जुबानी जंग हरक और हरदा के बीच ही जमती है। मजेदार यह भी राजनीति के धुरंधर जानकार सिर्फ कयास ही लगा सकते हैं कि यह जंग है या कुछ और। जंग देखिए । जंग के रंग देखिये। नतीजों का रंग क्या होगा? क्या पता। टेंशन मत लीजिए सिर्फ मजे लीजिए।
आपका बुधू।