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सीएम ने चमोली पहुंचकर आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की

सीएम ने चमोली पहुंचकर आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की
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चमोली। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार चमोली जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अवरुद्ध मार्गो, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाईनों को जल्द से जल्द बहाल करने तथा आपदा पीड़ित परिवारों तक हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए अधिकारियों को दिए।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावित सभी क्षेत्रों में मेडिकल सुविधा एवं दवाइयां पहुँचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन को बचाने के लिए पूरे प्रदेश में एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि गैस सिलेंडर फटने से जिला अस्पताल गोपेश्वर में भर्ती गंभीर घायलों को आज ही एयर एम्बुलेंस से हायर सेंटर रेफर किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राहत कार्यो में संशाधनों की कोई कमी नही होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण जो भी सड़के अवरूद्व हुई है उनको जल्द से जल्द बहाल करें। इसके लिए यदि अतिरिक्त जेसीबी मशीन या कही पर जेसीबी मशीन एयर लिफ्ट करने की आवश्यकता है तो संज्ञान में लाया जाए। जिन क्षेत्रों में विद्युत एवं पेयजल लाईनें क्षतिग्रस्त हुई है उनको तत्काल सुचारू किया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें। जिन क्षेत्रों में दूरसंचार व्यवस्था बाधित हुई है वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर डब्लूएलएल फोन की व्यवस्था की जाए। लोक निर्माण विभाग को आगामी 7 नवंबर तक सभी सड़कों को गढडा मुक्त बनाने के निर्देश भी दिए। कहा कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न की जाए।

 मुख्यमंत्री ने आपदा में त्वरित कार्यवाही के लिए जिला प्रशासन के कार्यो की सराहना भी की। कहा कि आपदा में सभी ने अच्छा कार्य किया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यो के बारे में भी जानकारी ली। बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री ने गोपेश्वर जिला अस्पताल पहुॅचकर यहां पर भर्ती मरीजों का हाल भी जाना।

जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अतिवृष्टि के कारण जिले में 6385 लाख की विभागीय परिसंपत्तियों की क्षति हुई है। लोनिवि के 125 सडक और 8 पुल को क्षति पहुंची है जिसकी अनुमानित क्षति की लागत 2547.52 लाख है। पीएमजीएसवाई की 83 सडक को 2547.15 लाख का नुकसान हुआ। लोनिवि के बंद 125 में से 92 तथा पीएमजीएसवाई की बंद 83 में से 40 सडकें सुचारू कर दी गई है। जिले में विद्युत लाईन के 450 पोल, 10 टास्फार्मर सहित 92 किलोमीटर लाईन प्रभावित हुई है जिसमें 205 लाख का नुकसान हुआ है। जोशीमठ मे अनुमानित 97.96 लाख तथा गैरसैंण में 0.85 लाख का फसलों का नुकसान हुआ। नारायणबगड़ मे 2 भवन क्षतिग्रस्त, एक महिला की मृत्यु और 2 लापता हुए है। थराली मे 5 भवन क्षतिग्रस्त तथा जोशीमठ में 4 व्यक्ति घायल और 2 पशुहानि हुई है। घाट मे 4 भवन क्षतिग्रस्त और 3 पशुहानि हुई है। गैरसैंण मे भी 3 पशुहानि हुई। आपदा मद से 7 पुल-पुलिया निर्माण हेतु 41.08 लाख तथा आपदा न्यूनीकरण के तहत स्वीकृत 16 योजनाओं के लिए 93.94 लाख विभागों को अवमुक्त की गई। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सहित जिले के सभी प्रमुख मार्गो पर यातायात सुचारू कर दिया गया है। इस दौरान जिलाधिकारी ने जनपद में 66 केवी पुरानी विद्युत लाईन की समस्या से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

बैठक में पर्यटन एवं जनपद के प्रभारी मंत्री श्री सतपाल महाराज, आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत, भाजपा जिला अध्यक्ष रघुवीर बिष्ट, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह रावत सहित पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान, बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल एवं समस्त विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।


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Govind Pundir

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