ब्रेकिंग: श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में नियुक्त “सहायक परीक्षा नियंत्रकों की नियुक्ति प्रक्रिया की होगी उच्च स्तरीय जांच, नप सकते हैं तत्कालीन अधिकारी और नियुक्तियों पर भी गिर सकती है गाज
नई टिहरी। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय, बादशाहीथौल, टिहरी गढ़वाल से बड़ी महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में नियुक्त “सहायक परीक्षा नियंत्रकों की नियुक्ति प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जांच के लिए समिति गठित कर दी गई है। जांच में तत्कालीन अधिकारी और नियुक्तियों पर भी गाज गिरने की पूरी संभावना है।
“सम्यक विचारोपरान्त एवं मा० कुलपति महोदय के अनुमोदनोपरांत सम्पूर्ण प्रकरण की जांच / तथ्यान्वेषण हेतु 6 सदस्यीय समिति गठित की गयी है। कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने जब से कुलपति का कार्यभार संभाला है विश्वविद्यालय को पटरी पर लाने के लिए कठोर से कठोर निर्णय लेने में नहीं हिचक रहे हैं।“
बताते चलें कि विश्वविद्यालय में स्वीकृत दो सहायक परीक्षा नियंत्रक के पदों के सापेक्ष चार साल पूर्व हुई नियुक्तियों के सम्बन्ध में विश्वविद्यालय में कार्यरत तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका व नियुक्ति से पूर्व सहायक परीक्षा नियंत्रकों द्वारा जमा कराये गये दस्तावेजों की सत्यता एवं वैधता की सम्यक जांच आदि हेतु विश्वविद्यालय ने माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के०डी०शाही की अध्यक्षता में एक 06 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
समिति अपनी सुस्पष्ट आख्या एवं संस्तुति विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराएगी, ताकि विश्वविद्यालय, नियमानुसार तत्कालीन अधिकारियों एवं नियुक्त सहायक परीक्षा नियंत्रकों के खिलाफ, यदि जांच में दोषी पाये गये तो, कठोर कार्यवाही अमल में ला सके।
यह अवगत करा दें कि चार साल पूर्व डाॅ हेमन्त बिष्ट एवं वीर लाल की नियुक्ति श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में सहायक परीक्षा नियंत्रक के पद पर हुयी थी। नियुक्ति के बाद कई अभ्यर्थियों ने नियुक्ति प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाये थे और शासन एवं राजभवन को शिकायतें भी प्रेषित की थी। लेकिन न ही शासन द्वारा सम्यक जांच करवायी गयी और न ही विश्वविद्यालय द्वारा इस प्रकरण को गंभीरता से लिया गया।
उक्त जांच के बाद विश्वविद्यालय के तत्कालीन अधिकारियों एंव नियुक्त हुये सहायक परीक्षा नियंत्रकों की नियुक्ति पर गाज गिरने की पूरी सम्भावना है।