टिकट कटने से बीजेपी में बबाल, गढ़वाल से कुमायूं तक उमाल
देहरादून/टिहरी/ उत्तरकाशी। भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी मशक्कत के बाद उत्तराखण्ड़ की 59 सीटों पर वीरवार को विधानसभा चुनाव 2022 के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी की । जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी , प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, समेत कई नाम शामिल हैं। इन 59 सीटों पर पार्टी ने लगभग 10 सीटिंग विधायकों के टिकट काट दिए हैं, जबकि 21 नए चेहरों पर दांव लगाया है। सिंगर जुबिन नौटियाल के पिता रामशरण नौटियाल को टिकट दिया गया है। वहीं विवादों के पर्याय कुंवर प्रणव चैंम्पियन का टिकट उनकी पत्नी को थमाया है। हरभजनसिंह चीमा के बेटे को भी टिकट दिया गया है। जारी सूची में 15 ब्राह्मणों, 37 ठाकुर, 3 वैश्य तथा 2 पंजाबी चेहरों पर दांव खेला है।
गढ़ निनाद ने इस बात का पहले ही अनुमान लगाया लिया था कि दावेदारी को उम्मीदवारी में में तब्दील न कर पाने से हताश और निराश दावेदार और उनके समर्थक टिकट न मिलने पर बगावत का बिगुल बजा सकते हैं और हुआ भी कुछ ऐसा ही। अनुशासित कही जाने वाली पार्टी बगावत के स्वर बुलंद हो गए हैं। पार्टी ने बगावत को रोकने के लिए अपने कई वरिष्ठ लोगों को लगा दिया है। अभी 11 सीटों पर घोषणा होनी भी बाकी है। जहां पहली लिस्ट से बीजेपी में बगावत के स्वर बुलन्द हो गए हैं तो वहीं अब सबकी निगाहें दूसरी लिस्ट पर टिक गई है।
बात करें उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री, यमुनोत्री और पुरोला विधानसभा सीट की तो यहां से भी बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। बीजेपी ने गंगोत्री विधानसभा से सुरेश चौहान, यमुनोत्री सीट से सिटिंग विधायक केदार रावत और पुरोला से आज ही पार्टी में शामिल हुए दुर्गेश्वर लाल को प्रत्याशी घोषित किया है।
प्रत्याशियों के नाम की घोषणा के बाद सबसे पहले यमुनोत्री विधानसभा में भाजपाइयों ने बगावती सुर बुलंद कर दिए है।
बीजेपी से 2012 में प्रत्याशी रहे और पूर्व दर्जा मंत्री जगवीर भंडारी यमुनोत्री से टिकट कटने से काफी नाराज हैं। उन्होंने खुले तौर पर इस विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के प्रत्याशी केदार रावत के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि वह कांग्रेस और बीजेपी में उपेक्षित दावेदारों के प्रतिनिधि के रूप यमुनोत्री विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे। पूर्व दर्जा मंत्री जगवीर भंडारी ने कहा कि उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बैठक की है,जिसमें उन्होंने निर्णय लिया है कि वो इस चुनाव में निर्दलीय तौर पर ताल ठोकेंगे।
वहीं, गंगोत्री विधानसभा में अभी तक हालांकि किसी दावेदार ने खुलकर बगावती तेवर नहीं दिखाए हैं, लेकिन बीजेपी के दावेदारों के समर्थकों के सोशल मीडिया पर डाले जा रहे पोस्ट को देखकर यही लगता है कि गंगोत्री में दो से तीन दावेदार बगावती तेवर दिखा सकते हैं। साथ ही पार्टी के खिलाफ निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं। इसी कड़ी में पूर्व राज्य मंत्री सूरतराम नौटियाल के समर्थकों का कहना है कि सब कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर आगे का निर्णय लिया जाएगा। याने देर सवेर यहां भी बगावत की सुगबुगाहट दिखाई दे रही है।
देवप्रयाग विधानसभा सीट पर भी सीटिंग विधायक विनोद कंडारी का नाम भाजपा प्रत्याशी के तौर पर घोषित होने पर टिकट के दौड़ में आगे माने जा रहे पूर्व प्रमुख मगन सिंह बिष्ट ने तीखी प्रतिक्रिया जताई। बिष्ट ने टिकट बंटवारे में धन-बल का आरोप लगाते हुए कहा कि वह जन आकांक्षाओं के अनुरूप विधानसभा चुनाव में खड़े होंगे व इसका जबाब देंगे। मगन सिंह बिष्ट ने आज ही उत्तराखंड जन एकता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। उन्होंने विश्वास जताया कि क्षेत्रीय जनता क्षेत्रीय व्यक्ति का साथ देकर उनको विजय बनाएगी।
वहीं नरेंद्र नगर से टिकट न मिलने पर नाराज पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने नरेंद्र नगर सीट से ही चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ओमगोपाल ने आरोप लगाया कि राज्य आंदोलन के दौरान गोली खाने वाले
आंदोलनकारी को बाहर का रास्ता दिखाकर उत्तराखंड की जनता का अपमान है। हालांकि वह किसी पार्टी से या निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, इसकी स्थिति अभी साफ नहीं है। सूत्रों की माने तो वह कांग्रेस पार्टी से भी चुनाव लड़ सकते हैं। लोगों की राय के बाद फाइनल निर्णय लिया जाएगा।
वहीं धनोल्टी विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व काबीना मंत्री व पूर्व विधायक प्रीतम पंवार को टिकट दिया है। जिसको लेकर जहां पूर्व विधायक प्रीतम पंवार के समर्थकों में खुशी की लहर है तो दूसरी ओर धनोल्टी में भारतीय जनता पार्टी के अन्य प्रत्याशियों व उनके समर्थकों ने विरोध का झंडा बुलंद कर दिया है। जिसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही है।
धनोल्टी सीट पर विगत कई वर्षों से पार्टी के लिए तन्मयता से कार्य कर रहे पूर्व खेल मंत्री / द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित नारायण सिंह राणा, पूर्व विधायक महावीर सिंह रांगड़,भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजेश नौटियाल के साथ साथ डीबीसी अध्यक्ष सुभाष रमोला व
हजारों की संख्या में उनके समर्थक मायूस नजर आ रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि शीर्ष नेतृत्व द्वारा पैराशूट से आए प्रत्याशी प्रीतम सिंह पंवार को ज्यादा तवज्जो दी है जबकि यह अन्य दिग्गज जमीनी स्तर पर काफी मजबूत माने जाते हैं।
कर्णप्रयाग विधानसभा से टिकट न मिलने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता टीका प्रसाद मैखुरी ने पार्टी छोड़कर चुनाव लड़ने का एलान किया है। कहा कि पार्टी के बफादार लोगों कस टिकट काट कर विरोध करने वाले लोगों को टिकट दिया गया है। वहीं थराली विधानसभा क्षेत्र से दावेदार व प्रदेश मंत्री बलवीर घुनियाल ने भी नाराज़गी जताते हुए गम्भीर आरोप लगाए हैं। कहा कि वह 2007 से दावेदार रहे हैं लेकिन पार्टी ने उन्हें सम्मान नहीं दिया। वहीं वर्तमान विधायक मुन्नी देवी शाह ने भी टिकट कटने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उधर कुमायूं मंडल में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है, वहां भी टिकट कटने से बगावत के सुर उठने लगे हैं। यहां मौजूदा 4 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान का टिकट कटने से उनके समर्थकों में काफी रोष है।
गंगोलीहाट से विधायक मीना गंगोला भी टिकट कटने सर नाराज हैं। किच्छा से अजय तिवारी भी बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं।
अल्मोड़ा सीट से वर्तमान विधायक रघुनाथ सिंह चौहान खासे नाराज हैं, कहते हैं कि टिकट काटने से पहले पार्टी ने एक बार भी नहीं पूछा कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं। कमोबेश द्वाराहाट, नैनीताल, राम नगर आदि में भी बगावत का बिगुल बज चुका है। अब देखना होगा कि पार्टी कितना डैमेज कंट्रोल कर सकती है। रूठों को मनाने में सफल रहती है या नहीं। पार्टी को अभी 11 सीटों की घोषणा करनी बाकी है। इन सीटों पर पहले से ही घमासान मचा हुआ है।