कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने देहरादून में जारी किया पार्टी का घोषणा पत्र
देहरादून। बुधवार को देहरादून पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने पार्टी के घोषणापत्र ‘उत्तराखंडियत स्वाभिमान प्रतिज्ञा पत्र’ को जारी किया। इससे पहले प्रियंका गांधी जौलीग्रांट पहुंची उसके बाद दून स्कूल पहुंचीं जहां प्रियंका गांधी के बेटे ने पढ़ाई की है। उसके बाद वह देहरादून पहुंची जहां कांग्रेसी नेताओं ने प्रियंका गांधी का स्वागत किया।
प्रियंका ने दून के कैनाल रोड पर स्थित लग्जूरिया फार्म में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी जनसभा की। इसी रैली में प्रियंका गांधी पार्टी के घोषणा पत्र को भी जारी किया। इसके माध्यम से कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर किए जाने वाले कार्यों का ब्यौरा जनता के सम्मुख रखा गया है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि देहरादून से उनके परिवार का नाता रहा है। कहा कि मेरे पिता, चाचा, मैं, मेरा भाई और मेरे बच्चे देहरादून में पढ़े हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि देश भर में गन्ने का बकाया 14,000 करोड़ रुपये है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16,000 करोड़ रुपये में अपने लिए दो हेलीकॉप्टर खरीदे हैं। इन हेलीकॉप्टरों की कीमत पर बकाया राशि का भुगतान किया जा सकता था। लेकिन उन्होंने इसके बजाय दो हेलीकॉप्टर खरीदे।
घोषणापत्र की मुख्य बातें…
* 500 के पार नहीं जाएगा गैस सिलेंडर। अगर उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार आई तो बाकी की भरपाई सब्सिडी के रूप में सरकार वहन करेगी।
* लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा।
* पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
* जिलों में पर्यटन पुलिस की एक अलग फोर्स का गठन होगा।
* सरकारी नौकरियों में 40 प्रतिशत महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
* पुलिस विभाग में भर्ती में 40 प्रतिशत महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
* सरकारी बसों में महिलाएं मुफ्त यात्रा कर सकेंगी।
* आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में डेढ़ गुना वृद्धि की जाएगी।
* कोरोना काल में त्रस्त परिवारों को 40000 रुपए की मदद की जाएगी।
* स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव व घर-घर तक पहुंचाने के लिए नई तकनीक का प्रयोग किया जाएगा।
* जो परिवार अपने पैतृक गांव में ही रह कर अपनी खेती बाड़ी कर रहे है, उन्हें कुड़ी बॉडी पुनर्जीवन प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
* भू-कानून के तहत कृषि और अन्य भूमि व्यवस्थाओं, भू पैमाइश आदि के लिए शीघ्र भूमि व्यवस्था आयोग का गठन।
* पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों को उनके काश्त कब्जे की भूमि पर उगे चीड़ के पेड़ों को काटने की अनुमति दी जाएगी आदि।