हर्षोल्लास के साथ मनायी ईद, मुल्क व सूबे की तरक्की के लिए की दुवा
नई टिहरी। मंगलवार को ईदुल-फित्र का त्यौहार बडे हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया,ठीक 9 बजे बौराड़ी ईदगाह में ईद की नमाज़ इमाम मुफ़्ती मोहम्मद जुबेर ने अदा करवाई। नमाज़ के बाद इमाम साहब ने मुल्क की तरक्की,अमनो सुकून की दुआ की,और कोरोना और उस जैसी तमाम बीमारीयो से मुल्क की और मुल्क के लोगो की हिफाज़त की दुआ की।
नमाज़ के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव मुशर्रफ अली ने कहा कि अल्लाह का शुक्र है कि कोरोना जैसी वबा(बीमारी)से अल्लाह ने हमारे मुल्क की हिफाज़त फरमायी जिस वजह से हम सब मिलकर आज नमाज़ अदा कर रहे हैं,उन्होंने कहा ईद का त्यौहार रमज़ान का चांद डूबने और ईद का चांद नज़र आने पर उसके अगले दिन चांद की पहली तारीख़ को मनाया जाता है। इस्लाम में दो ईदों में से यह एक है।इस्लाम मे पहली ईद उल-फ़ितर पैगम्बर मुहम्मद साहब ने सन 624 ईसवी में मनायी थी। ईद उल फित्र से पूर्व रमज़ान के पूरे महीने अल्लाह के मोमिन बंदे अल्लाह की इबादत करते हैं रोज़ा रखते हैं और क़ुआन करीम कुरान की तिलावत करके अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं, जिसका अज्र या मजदूरी मिलने का दिन ही ईद का दिन कहलाता है, जिसे उत्सव के रूप में पूरी दुनिया के मुसलमान बडे हर्ष उल्लास से मनाते हैं।
ईद उल-फितर का सबसे अहम मक्सद एक और है कि इसमें ग़रीबों को एनफितरा देना वाजिब(जरूरी) है,जिससे वो लोग जो ग़रीब हैं मजबूर हैं अपनी ईद मना सकें नये कपडे पहन सकें और समाज में एक दूसरे के साथ खुशियां बांट सकें।
ईद भाई चारे व आपसी मेल का तयौहार है ईद के दिन लोग एक दूसरे के दिल में प्यार बढाने और नफरत को मिटाने के लिए एक दूसरे से गले मिलते हैं।
ईद की नमाज़ के लिए दूर दराज से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे,ईदगाह में मौजूद जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष रोशन बेग,मुनव्वर हसन,हाजी महमूद हसन, सिद्दीकी, शकील अहमद ,जामा मस्जिद फैज ए आम के सदर अब्दुल इरशा, अब्दुल सलाम, अब्दुल वकार,मुश्ताक़ बेग,फरीद खान,असद आलम,सरताज अली,साजिद रहमान,मो प्रवेज,आदि सेकड़ो लोग मौजूद थे।