नृसिंह वाटिका आश्रम रायवाला में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया रक्षा बंधन का त्योहार
हरिद्वार। नृसिंह वाटिका आश्रम रायवाला हरिद्वार में भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन पर्व बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक बनाया गया।बहनों ने अपने भाइयों के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधी। साथ ही अपने भाई के दीर्घायु होने की कामना की।
इस अवसर पर बहनों ने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर सलामती की दुआ मांगी। नृसिंह वाटिका आश्रम में बहिनों ने नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज की कलाई पर राखी बांध आपसी सौहार्द्र, प्रेम एवं भाईचारे का संदेश दिया।
नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने कहा कि रक्षा बंधन का त्योहार प्यार व भाईचारे का प्रतीक है। इस भाव व संदेश को समाज में फैलाने की आवश्यकता है। व्यवहारिक कार्य यह संस्थान बखुबी कर रही है क्योंकि यह कार्य केवल आध्यमिक्ता से ही हो सकता है। जो यहां पर देखने को मिल रहा है। पर्व विष तोड़क पर्व अथवा प्रदायक पर्व है। रक्षा बंधन कोई स्थूल चीज नहीं है। बल्कि यह पवित्रता का बंधन है। राखी कुछ धागों की ही बनी होती है, परंतु उन धागों में जो भाव भरा होता है। राखी जिस भाव व आदर्श की प्रतीक है। यह मुख्य चीज है। उसे धारण करने के लिए प्रेरणा देना ही राखी की रस्म का मुख्य उदेश्य है।
इस अवसर पर साध्वी माँ देवेश्वरी, रोशनी कुकरेती, रमा कुकसाल, रानी गौड़, आरती विष्ट, रेखा पंत एवं बड़ी संख्या में आश्रम से जुड़े लोग उपस्थित रहे ।