प्रोफेशर श्रीमती बचन देयी को उनकी 9 वीं पुण्य तिथि पर किया याद
घनसाली 4 नवम्बर 2022 (लोकेन्द्र जोशी)। डॉक्टर स्वर्गीय वचन देई राधा खंडी की महान कलाकार की 9वीं पुण्य तिथि पर सांस्कृतिक संगोष्ठी का आयोजनकिया गया।
राधा खंडी की महान गायिका गढ़वाल विश्वविद्यालय की विजिटिंग प्रोफेसर रही स्वर्गीय वचन देई की पुण्यतिथि पर आज घनसाली में सनशाइन पब्लिक स्कूल के प्रांगण में डॉ स्वर्गीय वचन देई को याद किया गया।
इस कार्यक्रम में विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है आज राधा खंडी शैली की गायिका की पुण्यतिथि पर घनसाली में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन के दौरान मुख्य अतिथि सुनीता भुजवान जिला पंचायत सदस्य दुंगमंदार क्षेत्र एवं अति विशिष्ट अतिथि ओमप्रकाश भुजवान तथा विशिष्ट अतिथि श्री धनीराम तलवान तथा विनोद शाह मौजूद रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पंचायत घनसाली के अध्यक्ष शंकर पाल सजवान ने की अपने इस कार्यक्रम में शंकर पाल सजवान ने इस कार्यक्रम के लिए आयोजक मंडल को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि स्वर्गीय वचन देई की राधाखंदी की महान सांस्कृतिक विरासत लोक कलाएं गढ़वाल विश्वविद्यालय में ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित है ।
जो आज हमारे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत है।
इसी क्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए ओम प्रकाश भूजवान ने कहा स्वर्गीय वचन देई राधा खंडी शैली की एक विश्वविख्यात लोक गायिका थी जिन्होंने देश और प्रदेश के कई मंचों पर अपनी राधा खंडी शैली और लोक कला का प्रदर्शन किया है और उन्होंने कहा कि उनकी राधा खा, संगीत गायन शैली के लोग इतने कायल थे कि गढ़वाल विश्वविद्यालय के द्वारा उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई उनके गीतों पर उनकी लोककला और राधाखंडी विधा पर देश और विदेश के लोगों ने पी एच डी की और आज भी शोध कार्य कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने कहा लोक संगीत की महान कलाकार वचन देई आज भी हम सबके दिलों में अमर है अमर रहेगी उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की और कहा कि अगले वर्ष इस कार्यक्रम को भव्य और दिव्य सब के सहयोग से मनाए जाने का निर्णय लिया। इसी क्रम में बोलते हुए डॉ प्रकाश चंद्र ने कहा लोक संगीत की महान मात्र स्वर्गीय वचन देवी के श्रद्धांजलि कार्यक्रम को हम पिछले 9 सालों वर्ष 2014 से निलंगा ब्लॉक के मुख्यालय से लगातार नित्य मना करा रहे हैं और अपने निजी खर्चों पर इस कार्यक्रम को संचालित कर रहे हैं इस कार्यक्रम के लिए कहीं से भी किसी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता अनुदान धनराशि प्राप्त नहीं होती है हम सरकार से आग्रह करते हैं कि इस कार्यक्रम के संचालन के लिए सरकार कुछ अंश या धनराशि प्रतिवर्ष रूप से इस कार्यक्रम के संचालन के लिए प्रदान करें ताकि यह कार्यक्रम अच्छे से सभी लोगों के लिए संचालित किया जा सके।
उनके ऐतिहासिक संगीत संरक्षण के महान कार्यों को हम आज भी याद करते हैं और निरंतर हमारा प्रयास है लोक संगीत ,संस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों को हम आयोजित करते आ रहे हैं ।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए सुनीता भूजवान ने कहा स्वर्गीय वचन देई एक महान ऐतिहासिक और पारंपरिक लोक कलाकार थीं जिन्होंने उत्तराखंड के लोक संगीत बिधा राधा खंडी गायन और नृत्य को नई ऊंचाइयां प्रदान की है जिसके फलस्वरूप आज उन्हें विश्व भर में याद किया जाता है हम उनके लोक संस्कृति के महान कार्यों को सदैव याद रखेंगे ।
इसी परिपेक्ष में धनीराम तलवान ,प्रशासनिक अधिकारी लोक निर्माण विभाग ने कहा लोक संगीत की विरासत की शुरुआत करने वाली स्वर्गीय वचन देई के गीतों को हम तब सुनते थे जब हम चार और पांच में पढ़ते थे परंतु आज विश्व विख्यात हुई अपनी महान कर्मों के कारण आज हम उनको दिल की गहराइयों से शत-शत नमन श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं । लोक कला की महानकला और उनके कार्यों को सदैव इतिहास और समाज याद करता रहेगा ।
इसी क्रम में सत्यप्रकाश डौंडियाल ने संचालन करते हुए कहा लोक संगीत रधाखंडी शैली की महान कलाकार हैं और इस विधा की पहली उत्तराखंडी कलाकार जिनके गीतों पर देश और विदेश के कई लोगों ने पीएचडी की और शोध किया , गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्ट डी आर पुरोहित के द्वारा उनके उम्दा गायकी को देखते हुए गढ़वाल विश्वविद्यालय में एक फैकल्टी अलग से शुरू की गई लोक कला संस्कृति निष्पादन केंद्र के नाम से जिसमें आज भी उनके कई गाने कई गीत रिकॉर्डिंग है जिन पर शोध और अध्ययन किया जा रहा है यही नहीं उनके गीतों पर स्विट्जरलैंड की संस्था के द्वारा लोक संगीत और गंगा फिल्म बनाई गई ।
इसके साथ ही 2006 में उन्हें विरासत सम्मान , 2009 में उन्हें उत्तराखंड संस्कृति सम्मान ,2008 भारतीय नाट्य संगीत विद्यालय नई दिल्ली द्वारा उन्हें कई सामानों से पुरस्कृत किया गया उनके द्वारा उत्तराखंड के कई नाटकों में अपनी आवाज को दिया गया। 2013 में चार नंबर कौ उनकी मृत्यु के बाद उत्तराखंड के सभी अख़बारों और प्रिंट मीडिया ने, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने उन्हें प्रमुखता से उनके लोक संगीत रधाखंडी शैली के कार्यों को प्रमुखता से छापा है इतना ही नहीं विदेश के कई अखबारों ने भी उनको अपने अखबार में श्रद्धांजलि दी है । उनकी मृत्यु के बाद 2018 में उत्तराखंड सरकार और संस्कृति विभाग के निर्देशन में शालिनी शाह , डायरेक्टर फिल्म जगत ने उनकी जीवनी पर एक फिल्म बनाई गई जोकि ऑस्कर अवार्ड के लिए प्रेषित की गई हम सभी इस श्रद्धांजलि दिवस में उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि स्वर्गीय वचन देवी के महान विधा कार्यके लिए राधा खंडी विरासत और संगीत की ऐतिहासिक पहल के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार पदम श्री पदम विभूषण पदम से सम्मानित किया जाना चाहिए ।
आज के कार्यक्रम में स्वर्गीय डॉ वचन देईको श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए और डॉ वचन देई फाउंडेशन एवं सहयोगी संस्थाओं के द्वारा सांस्कृतिक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि सुनीता भुजवान जिला पंचायत सदस्य ,मुख्य अतिथि ओमप्रकाश भूजवान, जिला अध्यक्ष अनुसूचित जाति मोर्चा टिहरी गढ़वाल, विशिष्ट अतिथि धनीराम तलवान ,प्रशासनिक अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, श्री विनोद शाह जी सामाजिक कार्यकर्ता घनसाली एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता शंकर पाल सजवान नगर पंचायत अध्यक्ष घनसाली ने की है। विक्रम में स्मृति दिवस कार्यक्रम में स्वर्गीय व चांदी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ सोहनलाल परोपकारी पूर्व प्रधान एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा धनीलाल आयुष डौंडियाल के द्वारा स्वर्गीय वचन देवी के लोकगीतों की सुंदर प्रस्तुति दी गई है।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम मेंविनय चौहान, विनोद चौहान ,रेखा देवी, कस्तूरी देवी गंगा देवी ,प्रेमलाल, भारती देवी, रुकमणी , अजय कुमार ,धनी लाल आर्य, सुनील परोपकारी, कमल तलवान, केशवलाल, कृष्ण चंद्र ,विकास चंद्र ,प्रभात आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन सत्य प्रकाश डोंडियाल, हिमालय ज्ञान विज्ञान संस्थान के अध्यक्ष के द्वारा की गई।