जी20 के आलोक में यूकास्ट द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय प्लांट टिशु कल्चर पर कार्यशाला का शुभारंभ
ऋषिकेश 29मार्च 2023। पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के वनस्पति विज्ञान विभाग व तकनीकी सहयोगी संस्था समवेत भारत के तत्वावधान व उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकास्ट) द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय कार्यशाला “फंडामेंटल इन प्लांट टिशु कल्चर” विषय पर आयोजित की जा रही है ।
यूकास्ट के महानिदेशक प्रो दुर्गेश पंत तथा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम एस रावत के निर्देशानुसार इस कार्यशाला को जी-20 के आलोक में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रतिभागियों को जी-20 की महत्ता बताई गई।
इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि स्पेक्स संस्था देहरादून के सचिव डॉ बृजमोहन शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यशाला के द्वारा नए रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं उन्होंने सजावटी पौधों का उदाहरण देते हुए बताया कि प्लांट टिशु कल्चर तकनीक के द्वारा हम इन्हें उन्नत किस्म का बना सकते हैं उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी नर्सरी में छोटे स्वरूप में भी इस तकनीक द्वारा बहुत कमाई की जा सकती है और और भविष्य में रोजगार की संभावनाएं हैं उन्होंने इस प्रकार के कार्यक्रम करने के लिए श्री देव सुमन विवि परिसर, ऋषिकेश तथा समवेत भारत एन जी ओ के आयोजकों का उत्साहवर्धन किया ।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो डी सी गोस्वामी ने कहा की हम सभी को सीखने की प्रक्रिया में एकाग्रता होनी चाहिए और इस प्रकार के कार्यक्रमों द्वारा छात्र छात्राओं में ज्ञान का विस्तार होता है उन्होंने जी 20 के आयोजन पर भी प्रकाश डाला और बताया कि आज से शुरू होने वाले जी 20 सम्मेलन जोकि रामनगर में हो रहा है उसका विषय वसुदेव कुटुंबकम है।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में (डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के साहित्यिक गुरु) प्रो एन के शर्मा ने छात्र छात्राओं को सरल जीवन जीने की सीख दी और उन्होंने जीवन मे तीन H है, Heart, Hand, Head. की नियम प्रणाली बताई और कहा कि जिन्होंने इन 3 H का सदुपयोग किया कर लिया तो वह जीवन सबसे सफल व्यक्ति कहलाएगा, इस पर उन्होंने डॉ ए पी जे अब्दुल अब्दुल कलाम का उदाहरण दिया डॉ निशंक के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. बेचैन कंडियाल ने छात्र-छात्राओं के सम्मुख अपने विचार व्यक्त किए।
इससे पूर्व कार्यशाला के मुख्य संयोजक प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा ने सभी अतिथियों व विभिन्न महाविद्यालयों से आए प्रतिभागियों का स्वागत तथा आभार व्यक्त किया तथा उन्होंने कार्यशाला के तकनीकी सहयोगी संस्था समवेत भारत को इस कार्यशाला को कराने के लिए धन्यवाद किया और बताया कि श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय ऋषिकेश परिसर में प्लांट टिशु कल्चर की प्रयोगशाला जल्द ही बनेगी ।
कार्यशाला के आयोजन सचिव रमेश कुमार सिंह ने इस कार्यशाला की रूपरेखा को विस्तार से बताया तथा यह भी बताया कि विगत 50 सालों से केवल जनसंख्या बढ़ी है जिसकी वजह से खाद्य पदार्थों में भारी कमी हो रही है इसी को ध्यान में रखते हुए प्लांट टिशु कल्चर तकनीक का बहुत महत्व है।
अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
सह आयोजन सचिव डॉ एस.के.कुड़ियाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया ।
इस कार्यशाला के तकनीकी सत्र के विषय विशेषज्ञ श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय देहरादून की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हिमांकी डबराल तथा रमेश कुमार सिंह द्वारा प्लांट टिशु कल्चर के बुनियादी जानकारी, कल्चर बनाने की तकनीक, प्लांट टिशु कल्चर के लिए जरूरी मीडिया प्रबंधन तथा सामान्य प्रयोगशाला व्यवहार के बारे में बताया।
दूसरे व्याख्यान में विषय विशेषज्ञ श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय देहरादून के कृषि विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मनीष देव शर्मा ने स्टेरलाइजेशन टिशु कल्चर प्रयोगशाला में उपयोग में लाए जाने वाले आवश्यक उपकरणों के बारे में जानकारी दी।
दूसरी तकनीकी सत्र में सभी प्रतिभागियों ने प्रयोगशाला में प्लांट टिशु कल्चर का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
इस कार्यशाला की प्रथम दिवस अनेकों महाविद्यालय से 110 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग की प्राध्यापिका सुश्री साफिया हसन द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया तथा प्रो इंदू तिवारी, डॉ शालिनी रावत, प्रो वी डी पांडे, डॉ शालिनी कोटियाल, अर्जुन पालीवाल, देवेंद्र भट्ट ने सहयोग प्रदान किया।