Ad Image

नैलचामी घाटी के चामाधार रामलीला स्मृति मंच के तत्वावधान में रामलीला मंचन सम्पन

नैलचामी घाटी के चामाधार रामलीला स्मृति मंच के तत्वावधान में रामलीला मंचन सम्पन
Please click to share News

घनसाली से लोकेन्द्र जोशी। चामाधार सेमल्थ नैलचामी रामलीला समिति के तत्वावधान में 10 दिवसीय रामलीला का मंचन किया गया। यह कार्यक्रम विगत पचास वर्षों से अधिक समय से किया जा रहा है।10 दिवसीय कार्यक्रम मे ग्राम सुमार्थ नैलचामी के एक खेत को मैदान का रूप देकर ,9 जून को अंतिम दिन भगवान राम के राज्य भिषेक के साथ प्रसाद वितरण कर समापन हुआ। आप सोच नहीं सकते कि मिट्टी के ढेलों की साफ सफाई कर, खेत में निर्मित मंच में ग्रामीण क्षेत्र के खाश कर बालिका कलाकारों सहित सभी कलाकारों ने जिस तरह से सुंदर अभिनय किया वह किसी फिल्मी सितारों से कम नहीं था। इस मौके पर इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्यिक मंच के द्वारा बालिका कलाकारों को समानित किया गया।

रामलीला के मुख्य पात्रों की भूमिका में इस बार बालिकाओं ने सुंदर अभिनय कर दर्शकों का मन मोह लिया। जिसके लिए इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्यिक मंच घनसाली टिहरी गढ़वाल द्वारा उनके सुंदर अभिनय की भूमिका में क्रमशः– श्रीराम- कुo तमन्ना, लक्ष्मण-कुo सोनिका, भरत-कुo दीपिका, शत्रुघ्न-कुo साक्षी एवं माता सीता-कुo खुशबू तथा माता अनुसूइया- श्रीमती सुषमा भट्ट को मंच के संयोजक एवं बड़े मंचों के कवि बेली राम कंस्वाल, अध्यक्ष एडवोकेट लोकेन्द्र जोशी एवं सचिव विनोद लाल शाह के द्वारा स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया। और रामलीला स्मृति मंच का आभार ब्यक्त करते हुए,पूरे आयोजकों एवं क्षेत्र वासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी गयी।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक शक्ति लाल शाह ने भगवान श्री राम से प्रेरणा लेने का जनता से आह्वान किया और कहा कि भगवान राम, राम चंद्र से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम इसलिए हुए कि प्रभु राम में त्याग की भावना थी।और उन्होंने राज पाट छोड़ पिता की अज्ञा पर बनवास स्वीकार करते हुए बड़े कष्ट के बाद भी अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे। उन्होंने सभी कालाकारों, एवं आयोजन समिति का आभार ब्यक्त करते हुए बधाई दी।

विधायक शक्ति लाल ने जन समस्याओं के निराकरण हेतु अपनी वचन बद्धता दोहराते हुए कहा कि क्षेत्र के हित में प्रयास रत रहूँगा।

राम लीला मंचन में विशिष्ठ अतिथि के रूप में पलायन आयोग के सदस्य श्री राम प्रकाश पैन्यूलि ने राम लीला से शिक्षा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रभु राम ने लंका राज्य पर विजय प्राप्त करने के पश्चात भी सोने की लंका छोड़ कर अयोध्या अपनी जन्मभूमि वापस आना पसन्द किया। जबकि हमारे राज्य का नागरिक जरा सा संसाधन सम्पन होने के बाद मातृ भूमि की ओर लौट कर नहीं आते जो कि चिंता का विषय है।

रामप्रकाश पैन्यूली ने कहा पहाड़ का ब्यक्ति वर्तमान में अपने एकल परिवारों की सुख सुविधा के हित समझते हुए पलायन कर रहे हैं। जिस कारण बूढ़े माता पिता और मातृ भूमि, बहुत उपेक्षित है। परंतु उनका तृष्कार किया जाना सरासर गलत है।उन्होंने कहा पलायन वादी संस्कृति राज्य के भविष्य के हित में खतरनाक है। माँ और मातृ भूमि का सम्मान के साथ रक्षा की जानी आवश्यक है।
आयोजन समिति में रामलीला मंच के संरक्षक- बद्री प्रसाद अंथवाल सह संरक्षक- वाचस्पति नोडियाल, अध्यक्ष खिलानन्द गोदियाल,महासचिव हीरामणि भट्ट , संयोजक शशिकांत अंथवाल, कोषाध्यक्ष- वासुदेव सेमवाल , मंच संचालक- श्रीमान लक्ष्मी प्रसाद जोशी सहित समस्त पदाधिकारी गण एवं सभी पात्रगण के अलावा हजारों की संख्या में जन समूह उपस्थित रहा।


Please click to share News

Govind Pundir

Related News Stories