8 दिवसीय प्रायोगिक कार्यशाला आयोजित
ऋषिकेश 13 सितम्बर। पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश में वानिकी एवम् पर्यावरण विज्ञान विषय की 8 दिवसीय प्रायोगिक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिसमे उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय की ओर से आए परिवेक्षक डॉ० कृष्ण कुमार टम्टा ने बताया कि मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा पद्धति में पर्यावरण विज्ञान एवं वानिकी जैसे विषयों की गुणवत्ता को बनाए रखने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के लिए विशिष्ट परामर्श सत्रों का आयोजन किया जाता है ताकि शिक्षार्थियों का न केवल सैद्धांतिक ज्ञान वर्धन हो अपितु वह प्रयोगशाला में सैद्धांतिक ज्ञान का समुचित परीक्षण भी कर सकें। इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु इन दिनों विश्वविद्यालय के वानिकी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग के साथ मिलकर ऐसे परामर्श सत्रों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सैद्धांतिक परामर्श सत्रों के साथ-साथ प्रयोगात्मक एवं क्षेत्रीय अध्ययन परामर्श सत्र भी शामिल है।
इस कार्यशाला के समन्वयक ऋषिकेश परिसर के संकयाध्यक्ष विज्ञान प्रो जी० के० ढींगरा ने बताया कि ने बताया कि एम०एस०सी० (पर्यावरण विज्ञान) के प्रतिभागियों/शिक्षार्थियों हेतु इस प्रकार के परामर्श सत्रों का आयोजन दिनांक 8 सितम्बर से आरम्भ हो गया है और 16 सितम्बर तक चलेंगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान शिक्षार्थियों को पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों एवं संस्थानों का भ्रमण भी कराया जाएगा ताकि शिक्षार्थियों को पर्यावरण से संबंधित विभिन्न पहलुओं की व्यवहारिक जानकारी हो सके। उन्होंने बताया कि इस दौरान शिक्षार्थियों को एम्स ऋषिकेश की नमामि गंगे जल परिक्षण प्रयोगशाला तथा उत्तराखंड काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकॉस्ट), देहरादून का भ्रमण कराया जायेगा।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर के प्राचार्य प्रो एम एस रावत ने सभी प्रतिभागियों से संवाद किया व शुभकामनाएं प्रेषित की।
कार्यशाला के एक सत्र में स्पेक्स संस्था देहरादून के सचिव डॉ बृजमोहन शर्मा ने प्रतिभागियों से जल संरक्षण व वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत व तकनीकी विकास पर चर्चा करी।
इस दौरान उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से सहायक प्राध्यापक डा. कृष्ण कुमार टम्टा, डा. नेहा तिवारी, ऋषिकेश परिसर के डॉ. एस के कुडियाल, डॉ शालिनी रावत, डॉ शालिनी कोटियाल, डॉ आर के जोशी एवं शिक्षार्थी उपस्थित थे।