सफलता की कहानी:यहां सिंचाई हौज पुनर्निर्माण से किसानों के खिले चेहरे
जिला योजना एवं प्रधानमन्त्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत पूराने टैंक में आर.सी.सी. लाइनिग कर सिंचाई टैंक हुआ जीर्णाेधार
विकासखंड कीर्ति नगर की ग्राम चिलेड़ी में कई वर्षों से खस्ता हाल में पड़ी सिंचाई हौज का जिला योजना एवं प्रधानमन्त्री कृषि सिंचाई योजना से पुनर्निर्माण हुआ। जिससे वर्षों से पड़ी असिंचित कृषि जमीन को दोबारा जीवन मिला है। सिंचाई हौज के पुनर्निर्माण में 7.50 लाख रू०, रु० 5.00 लाख जिला योजना एवं रू0 2.50 लाख प्रधानमन्त्री कृषि सिंचाई योजना से मिला है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में जिला योजना एवं प्रधानमन्त्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत कृषि एवं भूमि संरक्षण इकाई ने कई वर्षों से बंद पड़ी सिंचाई हौज का पुनर्निर्माण किया। ग्राम प्रधान एवं जिला पंचायत सदस्य के द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों के क्रम में कृक्षकों की समस्या को ध्यान
में रखते हुये जिला योजना के अन्तर्गत इस परियोजना का चयन किया गया साथ ही पी.एम.के.एस.वाई योजना के युगपतिकरण कार्य पूर्ण किया गया। जिला योजना एवं प्रधानमन्त्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत पूराने टैंक में आर.सी.सी. लाइनिग कर उसे पुनः किसानों को सौंपा गया। जिस कारण किसानों के परिवारों में दोबारा खुशी का माहौल दिखा।
मुख्य कृषि अधिकारी अभिलाषा भट्ट ने बताया कि 146.25 घन मी० अथवा 146250.00 ली० की क्षमता रखने वाला सिंचाई टैंक दूर दराज के कई गांवों की कृषि भूमि को सीचित करता है। जिससे कि किसानों की उपज वाली जमीन को सही समय पर सही मात्रा में पानी उपलब्ध हो जाता है। उन्होने बताया कि सिंचाई हौज निर्माण कार्य होने से स्रोत का जल हौज में एकत्रित कर कृषकों द्वारा 3.00 हे0 खेतों की सिंचाई की जा रही है, सिचाई सुविधा का विस्तार होने के कारण कृषकों के फसल उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि होगी। कृषि आय में बढ़ोत्तरी होने से भविष्य में कृषकों की आर्थिक स्थिति के साथ साथ आमदनी में भी सुधार देखने को मिलेगा।
वही विकासखण्ड- नरेन्द्रनगर की ग्राम- थान विडोन, में कृषि विभाग द्वारा जिला योजनान्तर्गत सिंचाई टैंक की मरम्मत का कार्य भी किया गया।
विकासखण्ड नरेन्द्रनगर की ग्राम थान विडोन न्याय पंचायत आमपाटा में जिला योजनान्तर्गत सिंचाई टैंक की मरमत भी की गई। ग्राम प्रधान कुलवीर चौहान एवं कृषकों द्वारा क्षतिग्रस्त टैंक के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव दिया गया । जिससे देखते हुऐ जिला योजनान्तर्गत वर्ष 2023-24 में सिंचाई टैंक की मरम्मत का कार्य कृषि विभाग द्वारा कराया गया।
कृषि अधिकारी अभिलाषा भट्ट ने बताया कि टैंक की लागत लगभग 4.00 लाख रूपये है, वर्तमान में टैंक से लगभग 2 है। कृषि भूमि सिंचित की जा रही है। जिससे मुख्य फसल प्याज, गेंहू, धान, अदरक, हल्दी आदि का उत्पादन किया जा रहा है। लगभग 15 नाली कृषि भूमि सिंचाई के अभाव में बंजर पड़ी थी इस वर्ष भूमि की सिंचाई कर प्याज की फसल लगाई गई जिसमें कृषकों को आर्थिक लाभ हुआ। सिंचाई टैंक को ह्यूम पाइप से जोड़कर अन्य भूमि की भी सिंचाई की जा रही है।