“निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग” विषय पर व्याख्यान का आयोजन

“निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग” विषय पर व्याख्यान का आयोजन
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ऋषिकेश 29 जून । राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के अवसर पर 29 जून को पण्डित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्व विद्यालय परिसर, ऋषिकेश के अर्थशास्त्र विभाग और इंदिरा प्रियदर्शनी राजकीय महिला स्नातकोत्तर वाणिज्य महाविद्यालय, हल्द्वानी के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा “निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग” विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व विद्यालय परिसर, ऋषिकेश के निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत और इंदिरा प्रियदर्शनी राजकीय महिला स्नातकोत्तर वाणिज्य महाविद्यालय, हल्द्वानी की प्राचार्य प्रो. शशि पुरोहित ने की। आयोजन सचिव डॉ. हिमानी पंत ने सभी अतिथियों, विभिन्न महाविद्यालयों से जुड़े प्रोफेसरों, शोधार्थियों और छात्रों का स्वागत किया। उन्होंने व्याख्यान के उद्देश्य और निर्णय लेने में डेटा के उपयोग के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी।

मुख्य अतिथि प्रो. महावीर सिंह रावत ने अपने संबोधन में कहा कि सांख्यिकी स्वास्थ्य सेवा, अर्थशास्त्र, शिक्षा, पर्यावरण और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह न केवल दुनिया की जटिलताओं को समझने में मदद करती है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी नीतियों के विकास में भी सहायक होती है। सांख्यिकी साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

मुख्य वक्ता प्रो. डॉ. अशोक कुमार मैन्दोला ने अपने संबोधन में बताया कि सांख्यिकी दिवस 2007 से हर साल 29 जून को दिवंगत प्रो. प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। उन्होंने सांख्यिकी के क्षेत्र में महालनोबिस के योगदान का सम्मान करने और सामाजिक-आर्थिक योजना और नीति निर्माण में सांख्यिकी की भूमिका और महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए इस दिन को मनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने बताया कि आधिकारिक सांख्यिकी से प्राप्त डेटा का उपयोग न्यूनतम वेतन की गणना, सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता, गरीबी और बेरोजगारी को कम करने की नीतियों और रणनीतियां, जनसंख्या और श्रम बल की भागीदारी, संपत्ति की कीमतें और किराया बाजार विश्लेषण, क्षेत्रीय विकास और शहर की योजना, ट्रेड यूनियन वार्ता, परिवहन बुनियादी ढांचा, शैक्षिक बुनियादी ढांचा, सब्सिडी, कोटा, सरकारी प्रतिनिधित्व और चुनावी सीमाएं, स्वास्थ्य सेवाएं, आव्रजन, व्यापार, जीवन की गुणवत्ता की तुलना, ब्याज दरें, बजट और वित्त, स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रणनीतिक योजना और विकास, संकट प्रबंधन और निवेश में किया जाता है।

अंत में, प्रो. शशि पुरोहित ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि सांख्यिकी शब्द का उपयोग डेटा के संग्रह, प्रस्तुति और विश्लेषण के लिए किया जाता है। वर्तमान समय में सांख्यिकी देश के विकास की योजनाएं बनाने और दिशा निर्देशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक, शोधार्थी और छात्र उपस्थित थे।


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Govind Pundir

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