पुरानी पेंशन बहाली के लिए उत्तराखण्ड में मनाया “काला दिवस” कर्मचारियों ने जलाईं एनपीएस की प्रतियां
टिहरी गढ़वाल 1 अक्टूबर 2024। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाली हेतु एक व्यापक आंदोलन ‘मिशन पुरानी पेंशन बहाली’ चलाया जा रहा है। उत्तराखण्ड में 01 अक्टूबर 2005 से नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू किए जाने के विरोध स्वरूप हर वर्ष इस दिन को “काला दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
इसी कड़ी में 01 अक्टूबर 2024 को उत्तराखण्ड राज्य के सभी विभागों और कार्यालयों के कर्मचारियों एवं शिक्षकों को इस कार्यक्रम में भाग लेने का आग्रह किया गया। सभी को अपने कार्यालय या विद्यालय में काली पट्टी पहनने, विरोध स्वरूप एनपीएस की प्रतियों को जलाने, और रात 8 बजे से 9 बजे तक अपने घरों की बिजली बंद रखने का निर्देश दिया गया था ताकि नई पेंशन योजना का विरोध स्पष्ट रूप से व्यक्त किया जा सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, टिहरी गढ़वाल के वरिष्ठ अधिकारी, जिसमें श्री राकेश भट्ट (वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी), श्री मनोज मेहरा (प्रधान सहायक), श्रीमती रजनी डबराल, श्रीमती सुमन शर्मा, श्रीमती नीमा नेगी, श्री रजत कुमार, श्री योगेश बहुगुणा, श्री अनिल नेगी, श्री प्रवीन, श्री अमित बलूनी, श्री अमित शर्मा, श्री विशेष डबराल आदि ने काली पट्टी पहनकर और एनपीएस की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
यह विरोध प्रदर्शन कर्मचारियों और शिक्षकों के बीच गहरी नाराजगी और पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर उनके प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। मोर्चा का मानना है कि पुरानी पेंशन योजना से कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा और भविष्य की गारंटी मिलती थी, जिसे एनपीएस ने कम कर दिया है। इस आंदोलन का उद्देश्य कर्मचारियों के अधिकारों की बहाली और उन्हें एक स्थिर भविष्य प्रदान करना है।