प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड की मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन जारी, 4 अक्टूबर से सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार की चेतावनी
टिहरी गढ़वाल 2 अक्टूबर 2024। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में बांह में काली पट्टी बांधकर चल रहा विरोध प्रदर्शन आज भी जारी रहा। संघ ने स्पष्ट किया कि उनकी न्यायोचित मांगों की अनदेखी के चलते यह प्रदर्शन जारी रहेगा।
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ द्वारा अपनी न्यायोचित प्राँगों के समर्थन में जनपद शाखा टिहरी गढ़वाल में आज भी समस्त चिकित्साधिकारियों द्वारा विरोध स्वरूप बाँह में काली पट्टी बांधकर निम्न मांगों हेतु प्रदर्शन जारी रखा। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
- SDACP/DACP के तहत समयबद्ध वित्तीय लाभ: संघ का कहना है कि भारत सरकार की भांति चिकित्सकों को समयबद्ध वित्तीय लाभ दिए जाने चाहिए।
- DPC प्रक्रिया की नियमितता: पद रिक्त होने पर वर्ष में दो बार डीपीसी (DPC) की अनिवार्यता को सुनिश्चित किया जाए ताकि रिक्त पदों की भरपाई समय पर हो सके।
- पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए प्रोत्साहन राशि: दुर्गम क्षेत्रों में सेवा देने वाले चिकित्सकों को 50% प्रोत्साहन राशि या दुर्गम भत्ता दिया जाए।
- सुगम/दुर्गम क्षेत्र निर्धारण: टिहरी मुख्यालय, अल्मोड़ा, नैनीताल और मसूरी को पूर्व की भांति दुर्गम श्रेणी में रखा जाए ताकि इन क्षेत्रों में चिकित्सकों को उचित सुविधाएं मिल सकें।
- मासिक वाहन भत्ता: राज्य के अन्य सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की भांति चिकित्सकों को भी मासिक वाहन भत्ता अनुमन्य कराया जाए।
- दंत चिकित्सकों का समायोजन: रिक्त पदों के सापेक्ष अधिक संख्या में दंत चिकित्सकों का समायोजन किया जाए।
- NHM में प्रभारी नियुक्ति: एनएचएम (NHM) में राज्य कार्यक्रम अधिकारियों को ही निदेशालय में प्रभारी नियुक्त किया जाए।
- पीजी कर रहे चिकित्सकों को पूर्ण वेतन: पीजी (P.G.) करने जा रहे चिकित्सकों को उनके सेवाकाल के दौरान पूर्ण वेतन का प्रावधान किया जाए।
- प्रोटेक्शन एक्ट का अनुपालन: सभी चिकित्सालयों में सुरक्षा के समुचित उपाय किए जाएं और आवश्यकतानुसार पुलिस की तैनाती सुनिश्चित की जाए ताकि चिकित्सक सुरक्षित माहौल में काम कर सकें।
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार द्वारा इन मांगों का त्वरित समाधान नहीं किया जाता है तो सभी संवर्ग के अधिकारी दिनांक 3 अक्टूबर 2024 तक काली पट्टी बांधकर विरोध जारी रखेंगे। इसके बाद, 4 अक्टूबर 2024 से संघ ने सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
संघ का कहना है कि उनकी यह मांगें ना केवल चिकित्सकों के लिए बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। सरकार से अपील की गई है कि चिकित्सकों की मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए समाधान निकाले जाएं, अन्यथा राज्य के स्वास्थ्य तंत्र पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
इस मौक़े पर डॉ अमित राय (CMS, DH Baurari ) राखी गुसाई (उपाध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ चिकित्सा सेवा संघ) डॉ. पूनम रावत, डॉ. राखी जुसाई
डॉ.नीरज कर्दम, डॉ. जफीर अहमदडॉ. मोईन खान,डॉ. पूर्वी भट्ट, डॉ. रूली जोशी, डॉ. दीप्ती रानी चौहान, डॉ. वैभव सोलण, डॉ. मानसी नैथानी, डॉ. कुमुद पैन्यूली,
डॉ. श्रुति सकलानी, डॉ. कनिका रतूड़ी, डॉ. आकांक्षा रावत, डॉ. अबू रेहान, डॉ. अभिषेक शर्मा, डॉ. जसविन्दर,डॉ. कुलभूषण त्यागी, डॉ. गौख सजवाण, डॉ. आसिफ, डॉ. विकास भोला, डॉ. विवेकानन्द भट्ट, डॉ. सोनाली नेगी, डॉ. सीमा जोशी, डॉ. साक्षी भखलोगा,
डॉ. लाइबा अफजाल, डॉ. दामिनी चौहान, डॉ. ऋतिका जुयाल, डॉ. मनीषा रावत आदि शामिल रहे।