हिमालय के सतत विकास के लिए डॉ. ध्यानी ने दिए 7 अहम सुझाव
‘राष्ट्रीय हिमालय दिवस’ और ‘वर्ल्ड हिमालय फोरम’ की आवश्यकता पर जोर
देहरादून। देवभूमि विकास संस्थान, देहरादून द्वारा 21-22 दिसंबर 2024 को दून विश्वविद्यालय में ‘गंगधारा: विचारों का अविरल प्रवाह व्याख्यान माला’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, स्वामी अवधेशानंद गिरिजी महाराज, राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.), और केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में ‘हिमालय क्षेत्र में सतत विकास’ पर चर्चा हुई, जिसकी अध्यक्षता डॉ. पीताम्बर प्रसाद ध्यानी, पूर्व कुलपति, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, ने की। उन्होंने हिमालय क्षेत्र की वर्तमान स्थिति, चुनौतियों और उनके समाधान पर अपने विचार रखे।
डॉ. ध्यानी ने हिमालय के विकास हेतु सात सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें राष्ट्रीय हिमालय दिवस और राष्ट्रीय हिमालय नीति की घोषणा, पर्वतीय विकास मंत्रालय और हिमालयी अध्ययन विश्वविद्यालय की स्थापना, वर्ल्ड हिमालय कांग्रेस और अंतरराष्ट्रीय हिमालय दिवस की शुरुआत तथा वर्ल्ड हिमालय फोरम की स्थापना शामिल हैं।
डॉ. ध्यानी ने कहा कि इन सुझावों को लागू करने से हिमालय क्षेत्र विश्व स्तर पर प्राथमिकता बन जाएगा और इसके सतत विकास के द्वार खुलेंगे। उन्होंने हिमालय क्षेत्र में अपने 43 वर्षों के अनुभव और शोध का भी उल्लेख किया। इस अवसर पर कई प्रमुख वैज्ञानिक और शिक्षाविदों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।