खस्ताहाल सड़क दे रही हादसों को न्योता, कब मिलेगा समाधान ?

विधायक ने लिखा पत्र, लेकिन सड़क पर नहीं दिखा असर !
श्रद्धालुओं और ग्रामीणों की मुश्किलें बरकरार, कब सुधरेगा ग्वालना कोटेश्वर मार्ग?
टिहरी गढ़वाल। पौड़ी खाल-तोली-ग्वालना-नगर मोटर मार्ग की बदहाल स्थिति क्षेत्र के लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है। यह सड़क 2005 में 15 किमी स्वीकृत हुई थी। कम बजट मिलने पर लगभग 2015-16 में तोली से ग्वालना तक ही 8 किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ था। लेकिन लंबे समय के बाद भी डामरीकरण नहीं होने से यह सड़क अब गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। बरसात के मौसम में यहां से गुजरना लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। दो पहिया वाहनों की तो खैर नहीं। कई दुर्घनाएं भी हुई हैं।
ग्वालना से नगर गांव (कोटेश्वर) तक शेष सड़क कट चुकी है, लेकिन दूसरा चरण अधूरा पड़ा हुआ है। नगर गांव में देवप्रयाग और नरेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र को जोड़ने वाले मोटर पुल का निर्माण भी जनता की समसामयिक मांग है, लेकिन वह भी अधर में लटका हुआ है। जिससे इस मार्ग से कोटेश्वर मंदिर तक जाने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी हो रही है। कोटेश्वर मंदिर धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इसके अलावा, कोटेश्वर घाट पूरे क्षेत्र के लिए मुख्य घाट है, लेकिन कच्ची ऊबड़ खाबड़ सड़क और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इस सड़क की सबसे बड़ी समस्या इसकी खस्ताहाल स्थिति है, जो हर समय दुर्घटनाओं को न्योता दे रही है। ऊबड़खाबड़ सड़क से वाहन चालकों और राहगीरों को न केवल असुविधा हो रही है, बल्कि यह जानलेवा भी साबित हो रही है। ग्रामीण लंबे समय से सड़क के डामरीकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) कीर्तिनगर इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा। शिकायतों और ज्ञापनों के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
हां इतना जरूर है कि जब इस संपादक ने जिला स्तरीय पत्रकार स्थाई समिति में मामला उठाया तो तत्कालीन जिलाधिकारी सौरभ गहरवार साहब ने दिलचस्पी दिखाई थी और लोनिवि कीर्तिनगर को एक सप्ताह के भीतर डामरीकरण हेतु आगणन शासन को भेजने के मौखिक और लिखित निर्देश जरूर दिए थे, मगर उसके बाद से स्थिति जस की तस बनी हुई है।
स्थानीय विधायक ने कुछ समय पहले तोली से नगर तक सड़क के डामरीकरण के लिए माननीय मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली, लेकिन अगर वे वास्तव में इस सड़क के सुधार को लेकर गंभीर होते, तो कम से कम ग्वालना तक डामरीकरण का कार्य पूरा हो गया होता। सिर्फ पत्राचार करने से समाधान नहीं निकलता, बल्कि इसके लिए ठोस प्रयास करने और कार्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता होती है। जनता बार-बार गुहार लगा रही है, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण स्थिति जस की तस बनी हुई है।
क्षेत्रीय लोगों में इस उदासीनता को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सड़क की जर्जर स्थिति के कारण स्कूली बच्चों, किसानों, व्यापारियों , श्रद्धालुओं और रोजमर्रा के यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। खासकर बीमार व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं, जिससे कई बार अनहोनी की स्थिति भी बन जाती है। इस महत्वपूर्ण सड़क की उपेक्षा न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए भी एक बड़ी समस्या बन गई है।
जिला प्रशासन से अनुरोध है कि इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल ध्यान देते हुए लोक निर्माण विभाग को निर्देशित करे, ताकि इस सड़क का डामरीकरण शीघ्र पूरा हो सके और पुल निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सके। यह मार्ग न केवल स्थानीय जनता के लिए बल्कि धार्मिक पर्यटन और क्षेत्र के समग्र विकास के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। प्रशासन को चाहिए कि वह जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए इसका समाधान निकाले, ताकि लोगों को राहत मिल सके और क्षेत्र की कनेक्टिविटी बेहतर हो सके।