ब्रेकिंग न्यूज़: उत्तराखंड शिक्षा विभाग में हड़कंप! वरिष्ठ अधिकारी एस.पी. सेमवाल ने पदोन्नति में देरी से तंग आकर दिया इस्तीफा

देहरादून, 23 सितंबर 2025 । उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में बड़ा झटका! राज्य के वरिष्ठ शैक्षिक प्रशासक एस.पी. सेमवाल ने आज अपनी सरकारी सेवा से त्यागपत्र दे दिया है। 26 वर्षों की निष्ठापूर्ण सेवा के बाद यह कदम पदोन्नति की लंबी प्रतीक्षा से उपजी हताशा का परिणाम बताया जा रहा है। विभाग में यह खबर आते ही हड़कंप मच गया है, क्योंकि सेमवाल ने अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुए इस्तीफे के पीछे सिस्टम की खामियों पर सीधा प्रहार किया है।

सेमवाल ने अपने अर्द्ध-सरकारी पत्र में राज्य के पहले मुख्यमंत्री द्वारा 2002 में प्रस्तावित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की स्थापना का श्रेय खुद को दिया है। उन्होंने बताया कि ननूरखेड़ा में भूमि चिन्हीकरण से लेकर मा. मुख्यमंत्री के हाथों शिलान्यास तक की पूरी प्रक्रिया उन्होंने ही संभाली। इसी परिसर में आज IGNOU कार्यालय, SCERT और राज्य का वर्चुअल स्टूडियो भी संचालित हो रहा है। इसके अलावा, 2004 में उन्होंने उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा अधिनियम के ड्राफ्ट तैयार करने में समन्वयक की भूमिका निभाई, जिसमें 300 से अधिक न्यायालयीन मामलों का अध्ययन शामिल था।
पत्र में सेमवाल ने फरवरी 2025 में घोषित रिक्तियों के बावजूद अपर निदेशक पद पर 8 माह से अधिक प्रतीक्षा पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा, “विगत 08 माह तक अपर निदेशक पद पर पदोन्नति की प्रतीक्षा एक यंत्रणा में बदल गई है।” साथ ही, विभाग की अपेक्षाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अधीनस्थ कर्मियों के प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण तो अपेक्षित है, लेकिन खुद के मामले में विलंब असहनीय हो गया।
शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, सेमवाल की यह चिट्ठी सचिव रविनाथ रमन (IAS) को संबोधित है और इसमें तीन प्रमुख उपलब्धियों का उल्लेख केवल इसलिए किया गया है ताकि उनकी योग्यता पर कोई सवाल न उठे। विभाग ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन आंतरिक चर्चाओं में यह मुद्दा पदोन्नति प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को उजागर करने वाला बताया जा रहा है।