सहकारिता से बदलेंगी हिमालयी राज्यों की तकदीर : डॉ. धन सिंह रावत

शिमला/देहरादून, 14 सितम्बर 2025। हिमालयी राज्यों की भौगोलिक चुनौतियों के बीच सहकारिता ही ऐसा माध्यम है, जो यहां की अर्थव्यवस्था और ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। यह विचार उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शिमला में हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन में व्यक्त किए।
डॉ. रावत ने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल मिलकर सहकारी बैंकों एवं समितियों में व्यावसायिक नवाचार के लिए साझा कार्ययोजना बनाएंगे, जिससे अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ मंत्र को आत्मसात कर सहकारिता के क्षेत्र में कई योजनाएं लागू कर रही है।
अब तक दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत 11 लाख से अधिक लाभार्थियों व 6,251 स्वयं सहायता समूहों को ₹6812 करोड़ ब्याज मुक्त ऋण दिया गया है। सहकारी समितियों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 33% आरक्षण भी दिया गया है।
डॉ. रावत ने घस्यारी कल्याण योजना, माधो सिंह भंडारी सामूहिक खेती योजना और मिलेट मिशन जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इनसे किसानों, महिलाओं और स्थानीय उत्पादों को नई पहचान मिल रही है। ‘दून सिल्क’ जैसे स्थानीय ब्रांड राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 3 अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक विभिन्न थीम पर सहकारी मेले आयोजित होंगे, जिनसे किसानों, काश्तकारों, कारीगरों, महिला समूहों और युवाओं को बड़ा बाजार उपलब्ध होगा।
सम्मेलन में देशभर से सहकारी बैंकों, आरबीआई, नाबार्ड, अमूल, इफ्को, नाफेड, एनसीडीसी सहित कई संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल रहे।