संविधान दिवस पर ओंकारानंद महाविद्यालय में वंदे मातरम का सामूहिक गायन

टिहरी गढ़वाल। ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग में बुधवार को संविधान दिवस तथा वंदे मातरम गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ।
प्राचार्य डॉ. नर्वदेश्वर शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने वंदे मातरम गीत का सामूहिक गायन किया। कार्यक्रम का संचालन राजनीति विज्ञान विभाग की प्राध्यापिका श्रीमती अर्चना धपवाल ने किया। उन्होंने संविधान दिवस की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिवस हमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व जैसे संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात करने की प्रेरणा देता है। साथ ही उन्होंने वंदे मातरम गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, रचना और महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम हमारी सांस्कृतिक विरासत है, जो हर नागरिक में राष्ट्रीय एकता और प्रतिबद्धता की भावना जागृत करती है।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. शुक्ला ने संविधान निर्माण की प्रक्रिया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. भीमराव आंबेडकर के जीवन दर्शन पर विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।



