अंतरराष्ट्रीय ई-कॉन्फ्रेंस RDPAM–2025 में गणितीय शोध व नवाचार पर वैश्विक मंथन संपन्न

ऋषिकेश। राजकीय महाविद्यालय, चकराता (देहरादून) के गणित विभाग, आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) और श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, ऋषिकेश के गणित विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ई-सम्मेलन “Recent Developments in Pure and Applied Mathematics (RDPAM–2025)” का सफल समापन हुआ।
आयोजन उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती को समर्पित रहा।समापन सत्र के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक प्रो. विश्वनाथ खली ने गणित को आधुनिक विकास, डिजिटल गवर्नेंस और सतत नीति निर्माण की आधारशिला बताते हुए कहा कि अब गणित मात्र सिद्धांत नहीं, बल्कि वैश्विक चुनौतियों के समाधान का सशक्त माध्यम बन चुका है।
सम्मेलन संयोजक प्रो. अनीता तोमर ने बताया कि आयोजन का उद्देश्य गणित के शुद्ध और अनुप्रयुक्त दोनों क्षेत्रों में हो रहे नवीनतम शोध एवं नवाचारों पर वैश्विक संवाद स्थापित करना रहा। दो दिनों में हुए 12 तकनीकी सत्रों में भारत समेत तुर्की, सऊदी अरब, ओमान, अल्जीरिया और दक्षिण अफ्रीका के 100 से अधिक शोधकर्ताओं ने भाग लिया। सत्रों में AI, डेटा साइंस, नॉन-लीनियर एनालिसिस, मैथमेटिकल मॉडलिंग, वेवलेट अनुप्रयोग और वैदिक खगोलशास्त्र जैसे विषयों पर शोध प्रस्तुत हुए।
प्रो. संतोष कुमार (नार्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग) ने कहा कि ऐसे सम्मेलन विश्वविद्यालयों की वैश्विक साख को सुदृढ़ करते हैं और गणितीय अनुसंधान को नई दिशा देते हैं। प्रो. यू.सी. गैरोला, डॉ. आशीष कुमार, प्रो. ए.एच. अंसारी सहित कई विशेषज्ञों ने नवीन शोध विषयों पर विचार रखे।स्थानीय आयोजन सचिव डॉ. सुधीप्त कंदारी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस आयोजन ने शोधकर्ताओं में सहयोगात्मक भावना को सशक्त किया है।
कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए भविष्य में भी ऐसे शोधोन्मुख आयोजन जारी रखने की बात कही। शोधकर्ताओं ने एक स्वर में कहा कि RDPAM–2025 गणितीय शोध के क्षेत्र में नए आयाम खोलने वाला प्रभावी मंच साबित हुआ है।



