स्वामी रसिक महाराज बोले – रामलीला सिखाती है सत्य, धर्म और सदाचार का मार्ग

ढालवाला ऋषिकेश । माँ भद्रकाली गढवाली रामलीला समिति चौदहबीघा ढालवाला के सानिध्य में रामलीला मैदान में चल रही श्रीरामलीला दसवें दिन शुक्रवार को लक्ष्मण मेघनाथ संवाद, अहिरावण लीला एवं राम रावण महायुद्ध की लीला का बड़ा ही सुंदर जीवन्त दृश्य मंचन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पंहुचे नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने कहा कि रामलीला से हमें नैतिक मूल्य, सदाचार और धर्म का पालन करने की सीख मिलती है। इससे अच्छाई पर बुराई की जीत, माता-पिता का सम्मान, भाईचारे, और कर्तव्य-परायणता जैसे मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है, जबकि रावण जैसे चरित्र से कामभाव को नियंत्रित न करने की सीख मिलती है।
उन्होंने कहा कि रामलीला भगवान राम के जीवन और उनके आदर्शों को दर्शाती है, जिससे सत्य, धर्म और कर्तव्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। भगवान राम का आदर्श यह सिखाता है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः सच्चाई और अच्छे गुणों की ही जीत होती है।
इससे पहले रामलीला में पंहुचने पर समिति के संरक्षक प्रख्यात वकील एवं समाजसेवी श्री रमाबल्लभ भट्ट, मुनि की रेती नगर पालिका अध्यक्षा श्रीमती नीलम बिजल्वाण, मंडी समिति नरेंद्र नगर के अध्यक्ष श्री वीर सिंह रावत, प्रमुख होटल व्यवसायी श्री डा अक्षत गोयल, कमल सिंह राणा, घनश्याम नौटियाल, सतेन्द्र रावत, आचार्य रमेशं पैन्यूली, डा सुनील थपलियाल, विमल बडोनी, सुरेन्द्र भण्डारी, आचार्य रामकृष्ण पोखरियाल, करण सिंह बर्थवाल, सुरेश कुकसाल, साध्वी माँ देवेश्वरी, रमा कुकसाल ने श्री राम मन्दिर अयोध्या का स्मृति चिन्ह एवं शाल ओढाकर संत रसिक महाराज को सम्मानित किया।



