ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल सफल
सितम्बर तक वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद, भारत को भी होगा फायदा
गढ़ निनाद न्यूज़*16 जुलाई 2020
लंदन: ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्रा जेनेका की कोविड-19 वैक्सीन का पहला ह्यूमन ट्रायल सफल रहा है।
हालांकि ह्यूमन ट्रायल के नतीजों की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इसकी आधिकारिक घोषणा आज बृहस्पतिवार को हो सकती है। इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल फिलहाल 15 लोगों पर किया गया था। अगला करीब दो सौ से तीन सौ लोगों पर इसका परीक्षण किये जाने की उम्मीद है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि ट्रायल में शामिल लोगों में एंटीबॉडी और व्हाइट ब्लड सेल्स (T-Cells) विकसित हुईं, इनकी मदद से मानव शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार हो सकता है।
बता दें कि भारतीय कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) भी इस प्रोजेक्ट में पार्टनर फर्म है। वैज्ञानिकों को सितंबर 2020 तक वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद जतायी है।
वैक्सीन का ट्रायल ब्राजील में किया गया था जिसके शानदार नतीजे आये हैं। ट्रायल में शामिल किए गए वॉलंटियर्स में वैक्सीन से वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 (AZD1222) के पूरी तरह सफल होने को लेकर आश्वस्त हैं। उन्हें भरोसा है कि सितंबर 2020 तक ये वैक्सीन लोगों को उपलब्ध करा दी जाएगी।
रिपोर्ट के अनुसार अब तक तैयार हुई ज्यादातर वैक्सीन एंटीबॉडी बनाती हैं, ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन एंटीबॉडी के साथ व्हाइट ब्लड सेल (Killer T-cell) भी बना रही है। इस शुरुआती सफलता के बाद हजारों लोगों पर इसका परीक्षण किया जा सकेगा। यूनिवर्सिटी की इस वैक्सीन के ट्रायल में ब्रिटेन में 8,000 और ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका में 6,000 लोग शामिल किए गए हैं। ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का ब्रिटेन में सबसे पहले इंसानों पर ट्रायल किया गया था। इससे पहले अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन अपने पहले ट्रायल में पूरी तरह से सफल रही।
बता दें भारत का सीरम इंस्टिट्यूट भी ऑक्सफोर्ड के इस प्रोजेक्ट में पार्टनर फर्म है। SII दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन बनाने के लिए जाना जाता है। इस कंपनी ने अस्ट्रा जेनेका Astra Zeneca के साथ टाई-अप कर रखा है। ये कंपनी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार कर रही है। ऑक्सफोर्ड का प्रोजेक्ट सफल होने पर सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया वैक्सीन की 100 करोड़ डोज तैयार करेगी। इनमें से 50 प्रतिशत हिस्सा भारत के लिए होगा और 50 प्रतिशत गरीब व मध्यम आय वाले देशों को भेजा जाएगा। अगर इसमें सफलता मिली तो भारत को भी कोरोना से लड़ने में काफी मदद मिल सकती है।