कविता- हार नहीं होती
*भरत गिरी गोसाई*
गढ़ निनाद समाचार।
“ये ना सोचो कि मंजिल आसान है, हर कदम पर देना एक इम्तिहान है।
उम्मीद का दामन थामे रखना सदा, बहुत दूर खड़ा आसमान है।
कठिन चुनौतियां है जीवन पथ में, चलना चलना है तुम्हे लंबी डगर पर।
काम करो कुछ ऐसा कि इतिहास बन जाए, बोलो तो कुछ ऐसा बोलो
जो लाखों बेजुबानों की जुबान बन जाए। याद रखो दोस्तों हार नहीं होती,
हार नहीं होती”।