” नवरात्रि पूजन “
*डॉ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी*
गढ़ निनाद समाचार।
सज गया माता का दरबार ,
डूबा भक्ति मे हर परिवार ।
माता के मन्दिर हों या घर ,
सजा – धजा दिखता है हर ।
नियम – संयम से रहते जब ,
माँ अति प्रसन्न होती तब ।
पूजा – पाठ आरती उपवास ,
ये क्रियाएँ नवरात्रि में खास ।
भजन – कीर्तन और जयकारे ,
लगाते जो भक्त हैं सारे ।
अखण्ड दीपक संग हरियाली ,
हर घर को देती खुशहाली ।
माँ का हर दिन सोलह श्रृंगार ,
जो संकट से करती नय्या पार ।
प्रतिपदा से नवमी तिथि तक ,
कन्याओं की पूजा का हक ।
दुर्गा के नौ रूपों की पूजा ,
नहीं समझते काम इससे दूजा ।
मनोकामनायें सब होती पूरी ,
किसी की कभी रहती न अधूरी ।